केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले जम्मू-कश्मीर में होगी विकास की बयार, सरकार ने तैयार किया ये मेगा प्लान
गृहमंत्रालय Jammu-Kashmir और लद्दाख दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की तैयारी में है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले ही केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विकास की नई बयार बहाने की तैयारी में है। इसके लिए केंद्र के विभिन्न मंत्रालय मसौदा बनाने की तैयारी में जुटे हैं। सरकार चाहती है कि आम जनता खुद यह अहसास करे कि धारा 370 हटने के बाद उनके लिए कितना फायदेमंद रहा है।
जम्मू-कश्मीर में विकास के लिए जिन उपायों पर विचार किया जा रहा है, उनमें निवेश करने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट, सेब व खुबानी जैसे फलों की बड़े पैमाने पर खरीद से लेकर अर्द्धसैनिक बलों में युवाओं की बड़े पैमाने पर भर्ती समेत कई विकास योजनाएं शामिल हैं।
अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर बनेगा केंद्र शासित प्रदेश
31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बनेगा। उससे पहले ही निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए टैक्स छूट की बड़ी घोषणा की जा सकती है। निजी निवेश पर सात सालों के लिए टैक्स छूट का प्रावधान किया जा सकता है।
वहीं जम्मू-कश्मीर पर सीधी नजर रखने वाला गृहमंत्रालय भी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की तैयारी में है। इसके तहत BSF और CRPF के दो नए बटालियन तैयार किये जाएंगे।
स्वास्थ्य संस्थानों की खुलेंगी शाखांए
मानव संसाधन विकास मंत्रालय नए शिक्षण संस्थान खोलने की तैयारी में है, तो स्वास्थ्य मंत्रालय नए अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की रूपरेखा तैयार करने में जुटा है। देश बड़े निजी स्वास्थ्य संस्थानों को भी वहां अपनी शाखाएं खोलने के लिए तैयार किया जा रहा है।
आतंकवाद से सबसे अधिक नुकसान होने के बावजूद पर्यटन जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा व्यवसाय रहा है और सबसे अधिक रोजगार भी उपलब्ध कराता रहा है। जाहिर है पर्यटन स्थलों के विकास पर सरकार का जोर होगा। महाराष्ट्र सरकार द्वारा घाटी में दो रिसॉर्ट खोलने की घोषणा इसी कड़ी का हिस्सा है। इसके साथ ही फूड प्रोसेसिंग, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी नए पैकेज का एलान हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिखेगा विकास का असर
दूरगामी विकास योजनाओं के साथ-साथ सरकार कश्मीर के लोगों को तत्काल राहत देने की भी तैयारी में है। इसके तहत सेब और खुबानी की बड़े पैमाने पर खरीद की तैयारी है। नैफेड ने पांच हजार करोड़ रुपये की सेब की फसल खरीदने का ऐलान भी कर दिया है। ये दोनों फसलों की खरीद सितंबर और अक्टूबर महीने के भीतर होनी है।
अभी तक फल उत्पादक किसान इन फसलों को बाजार में बेचते रहे हैं। लेकिन इस बार सरकार इन फलों को पहले की तुलना में ज्यादा कीमत देकर खरीदने की तैयारी में है। इस बार सेब की जबरदस्त पैदावार के बाद भी सरकारी एजेंसियों को किसान से सारे फल खरीदने के निर्देश दे दिये गए हैं। जाहिर है फलों की खरीद और अच्छी कीमत मिलने का तत्काल लाभ कश्मीर घाटी में किसानों को देखने को मिलेगा।
पाकिस्तान के दुश्प्रचार का करारा जवाब
जहां सरकार जम्मू-कश्मीर के भीतर 370 की रूकावट दूर होने के बाद विकास की बयार बहाने की तैयारी में है, वहीं इसी दौरान वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के दुश्प्रचार का करारा जवाब देने के बंदोबस्त किये जा रहे हैं। सितंबर महीने में ही जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद और न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक होनी होनी है।
पाकिस्तान इन दोनों मंचों का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए करेगा। उसकी ओर से इसे सांप्रदायिक रंग भी दिया जा सकता है। ऐसे में विकास अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी कारगर साबित होगा। भारत बलूचिस्तान और सिंध में मानवाधिकार के उल्लंघन का हवाला देते हुए पाकिस्तान को बेनकाब कर सकता है।
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आतंकी फंडिंग के मुद्दे पर पाक को बेनकाब करेगा भारत
वहीं, अक्टूबर में फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक भी होनी है, जिसमें आतंकी फंडिंग पर पाकिस्तान को काली सूची में डालने पर फैसला हो सकता है। FATF का एशिया-पैसिफिक ग्रुप पहले ही पाकिस्तान में काली सूची में डालने की सिफारिश कर चुका है। कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकी घुसपैठ कराने की कोशिश में जुटे पाकिस्तान को भारत FATF में आतंकी फंडिंग के मुद्दे पर बेनकाब कर सकता है।
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