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पीडीपी की राजनीतिक सलाहकार समिति भंग

राज्य ब्यूरो श्रीनगर पार्टी के 20वें संस्थापना समारोह की तैयारियों में जुटी पीपुल्स डेमोक्रे

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 02:26 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 06:38 AM (IST)
पीडीपी की राजनीतिक सलाहकार समिति भंग

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पार्टी के 20वें संस्थापना समारोह की तैयारियों में जुटी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को सभी को चौंकाते हुए राजनीतिक सलाहकार समिति (पीएसी) को भंग कर दिया। पीएसी ही पीडीपी में नीतिगत मामलों पर अंतिम और निर्णायक फैसला लेती थी। इसकी अध्यक्षता खुद महबूबा करती रही हैं।

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गौरतलब है कि पीडीपी का 20 संस्थापना दिवस 28 जुलाई को है। अंतर्कलह और राजनीतिक अस्तित्व के संकट से जूझ रही महबूबा अपने विश्वासपत्रों के साथ मिलकर इस बार पार्टी के संस्थापना दिवस पर बड़ी रैली की तैयारी में जुटी हैं। पीएसी भंग करने के फैसले से स्थानीय सियासी हलकों में विभिन्न अटकलबाजियों का दौर शुरू हो चुका है। महबूबा और पार्टी उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान वीरी ने अभी तक इस मुद्दे पर किसी तरह का बयान जारी नहीं किया है। पीडीपी प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने पीएसी को भंग कर दिया है। जल्द पीएसी का नए सिरे से गठन कर उसके पदाधिकारियों की घोषणा की जाएगी। उन्होंने फैसले के कारणों का खुलासा नहीं किया है। सूत्रों ने बताया कि महबूबा ने यह फैसला संगठन में लगातार बढ़ रही अंतर्कलह और बगावत की मुखर हो रही आवाजों को ध्यान में रखते हुए किया है। इससे पहले भी गत माह उन्होंने पीएसी औ जनरल काउंसिल की बैठक को अंतिम समय में रद कर दिया था। उस समय पार्टी के कुछ बागियों ने बैठक में उनसे इस्तीफे की मांग करने का संकेत किया था। उन्होंने बताया कि पीडीपी के कई पुराने नेता और पूर्व विधायक उनसे नाता तोड़ अन्य दलों में जा चुके हैं। कई अन्य जाने की तैयारी में है। गत बुधवार को भी पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में शामिल पूर्व मंत्री और पुलवामा के पूर्व विधायक खलील बंड ने उन पर अक्षमता और परिवारवाद का आरोप लगाते हुए पीडीपी से नाता तोड़ा है। जून 2018 में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार के भंग होने के बाद से ही पीडीपी में लगातार महबूबा के खिलाफ आवाज बुलंद हो रही है। पार्टी के कई पूर्व विधायक उनसे नाता तोड़ च़के हैं। पूर्व वित्तमंत्री डॉ. हसीब द्राबु, पूर्व शिक्षा मंत्री अल्ताफ बुखारी, पूर्व मंत्री आबिद अंसारी, पूर्व राजस्व मंत्री बशारत बुखारी, पूर्व विधायक अब्बास वानी ,पूर्व विधायक आबिद अंसारी समेत एक दर्जन से ज्यादा पीडीपी के वरिष्ठ नेता बीते एक साल के दौरान महबूबा से नाता तोड़ अन्य सियासी दलों में नया ठिकाना बना चुके हैं। इन सभी नेताओं ने महबूबा पर संगठन में नेताओं व कार्यकर्ताओं के बजाय अपने परिवार व किचन कैबिनेट के कुछ खास लोगों को ही प्रोत्साहित करने व राज्य सरकार का नेतृत्व करने में अक्षमता का आरोप लगाया है।


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