यह सिंह है इंसानियत का किंग, जवान ने दिव्यांग बच्चे को खिलाया खाना
राज्य ब्यूरो श्रीनगर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लिथपोरा (पुलवामा) में 14 फरवरी को जै
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लिथपोरा (पुलवामा) में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद सुर्खियों में आए हवलदार इकबाल सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। पहले भी लोग उनकी बहादुरी के कायल थे। अब वह करुणा, त्याग और प्रेम की भावना से दूसरों को प्रेरित करने के लिए प्रशंसा बटोर रहे हैं। इसलिए लोग उन्हें अब इंसानियत का किंग कहने लगे हैं।
इकबाल सिंह उसी काफिले की एक बस चला रहे थे, जिस पर जैश के आत्मघाती आतंकी आदिल ने हमला कर एक बस को उड़ा दिया था। हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे। अगर इकबाल सिंह सतर्कता बरतते हुए तेजी से अपनी बस को वहां से नहीं निकालते तो बस में सवार जवान भी धमाके की चपेट में आ जाते। इसके लिए उन्हें डीजी डिस्क और प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया।
आजकल सोशल मीडिया पर इकबाल सिंह का एक वीडियो वायरल हो रहा है। श्रीनगर के डाउन-टाउन में वह ड्यूटी के दौरान एक दिव्यांग बच्चे को अपने हाथ से अपने साथ लाया खाना खिला रहे हैं और उसका मुंह पोंछते नजर आते हैं। यह बच्चा स्थानीय है। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो कुछ स्थानीय लोगों ने शूट किया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
इकबाल सिंह के वीडियो पर कमांडेंट रैंक के एक सीआरपीएफ अधिकारी ने कहा कि यह कोई बनावटी नहीं है। यह सीआरपीएफ की मूल भावना को दर्शाने वाला वीडियो है। इकबाल सिंह को अपने साथियों की शहादत याद है। उसे यह भी याद है कि वह यहां अपने लोगों को न सिर्फ दुश्मनों से बचाने के लिए है बल्कि उनकी हर तरह से मदद करना भी उसका फर्ज है। कश्मीरी भी हमारे परिवार के सदस्यों की तरह हैं। मानवता की भावना को सलाम :
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस वीडियो को शेयर करते हुए अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, 'कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों को अक्सर एक छड़ी से हांक दिया जाता है, लेकिन सभी सुरक्षाबलों को एक ही तराजू में तौलना कई बार अनुचित साबित हो सकता है। इस व्यक्ति की दया और मानवता की भावना को सलाम करें।'