राज्य में विधानसभा चुनाव पर फैसला 21 तक संभव
राज्य ब्यूरो श्रीनगर लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर के मतदान के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चु
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर के मतदान के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने पर फैसला लिया जा सकता है। संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग 21 मई को राज्य में विधानसभा चुनाव करवाने के समय पर अपना अंतिम फैसला सुना सकता है। आयोग इसको लेकर अगले सप्ताह एक बैठक भी करने वाला है। हालांकि राष्ट्रपति शासन का विस्तार तय है।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 19 नवंबर 2018 को जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया था, जबकि राज्य में 20 दिसंबर 2018 को राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था। चूंकि अभी चुनाव नहीं हो पाए हैं, ऐसे में 20 जून को पूरे हो रहे छह माह से आगे राष्ट्रपति शासन को विस्तार दिया जाना तय है।
सूत्रों ने बताया कि वीरवार को नई दिल्ली में चुनाव आयोग की एक बैठक हुई है। आयोग ने संविधान विशेषज्ञों, कानूनविदों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय से सुरक्षा परिदृश्य व अन्य संबंधित मुद्दों पर राय ली। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने, राष्ट्रपति शासन लागू रखने सहित विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श हुआ। सूत्रों के अनुसार, संविधान विशेषज्ञों ने आयोग को राय दी कि विधानसभा को भंग किए जाने के छह माह के भीतर ही विधानसभा चुनाव कराया जाना जरूरी है, लेकिन जम्मू कश्मीर में विशेषकर वादी में जहा चुनाव कराना हमेशा मुश्किल होता है, मौजूदा हालात को देखते हुए राष्ट्रपति शासन को छह माह के लिए और बढ़ाया जाना कोई बड़ी बात नहीं है। उनके मुताबिक, वर्ष 1990 के दशक के दौरान भी जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन 1990 से 1996 तक लगभग छह साल तक लागू रहा था। उस समय अक्टूबर 1996 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे।
सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल शासन ने भी अक्टूबर-नवंबर माह में चुनाव कराने की सलाह दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी उसी तरह के तथ्यों का हवाला दिया है। उन्होंने बताया कि आयोग ने राज्य के हालात की रियल टाइम समीक्षा की प्रक्रिया को जारी रखते हुए विधि विशेषज्ञों और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मंत्रणा का एक और दौर करने का फैसला किया है। यह प्रस्तावित बैठक अगले सप्ताह संभव है। इस बैठक के बाद ही तमाम औपचारिकताओं को पूरा करके 21 मई के आसपास राज्य में विधानसभा चुनाव कराने पर चुनाव आयोग कोई अंतिम फैसला ले पाएगा। इस समय चुनाव आयोग संसदीय चुनावों में व्यस्त है। अभी दो चरणों का मतदान बाकी है और इसके अलावा 23 मई को मतगणना भी है।