16 नए कलस्टर ट्राइबल मॉडल विलेज मंजूर
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में जनजातीय वर्ग के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए केंद्र सरकार
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में जनजातीय वर्ग के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 16 नए कलस्टर ट्राइबल मॉडल विलेज (सीटीएम) मंजूर किए हैं। इसके साथ ही राज्य में बीते तीन वर्षो के दौरान केंद्र द्वारा अनुमोदित सीटीएम की संख्या 33 हो गई है।
जानकारी के अनुसार, राज्य के जनजातीय इलाकों में सीटीएम और एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल (ईएमआरएस) की स्थापना के लिए जारी कार्य की समीक्षा के लिए सचिव डॉ. फारूक लोन ने समाज कल्याण, सहकारिता एवं जनजातीय मामले की बैठक बुलाई। इसमें निदेशक जनजातीय मामले के मोहम्मद रफी, वित्त निदेशक डॉ. एसके सेना, विशेष सचिव एमएस चौधरी, उपसचिव विवेक मोदी, सह निदेशक सुशील गुप्ता व जनजातीय मामलों के अधिकारियों ने भाग लिया।
सचिव जनजातीय मामले डॉ. फारूक अहमद लोन ने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 के दौरान राज्य के 13 जिलों पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग, कुपवाड़ा, लेह, करगिल, डोडा, राजौरी, पुंछ, रियासी कठुआ, बडगाम और कुलगाम में 17 सीटीएम मंजूर किए। इनके अलावा केंद्र सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए 16 और सीटीएम मंजूर किए हैं। जनजातीय वर्ग के छात्रों की पढ़ाई के लिए केंद्र सरकार ने अनंतनाग, कुलगाम, राजौरी, करगिल व पुंछ में पांच ईएमआरएस भी मंजूर किए हैं। प्रत्येक ईएमआरएस में करीब 480 छात्रों की पढ़ाई-लिखाई और ठहरने की व्यवस्था होगी। इनमें जनजातीय वर्गो को निशुल्क शिक्षा व छात्रावास सुविधा होगी।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अनंतनाग व कुलगाम में ईएमआरएस का निर्माण अंतिम चरण में है और वर्ष 2018-19 की अकादमिक गतिविधियों के लिए जल्द तैयार हो जाएंगे, लेकिन राजौरी, करगिल और पुंछ में इन्हें निर्धारित समयावधि में पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। पांचों ईएमआरएस के निर्माण पर 7200 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि सीटीएम में जनजातीय वर्ग के लोगों को बिजली, पानी व स्वास्थ्य जैसी मौलिक सुविधाओं के अलावा कौशल विकास, बागवानी, कृषि, पर्यटन व अन्य क्षेत्रों से जुड़ी सुविधाएं और रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।