महबूबा ने नेकां व कांग्रेस को घेरा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को अमन बहाली में जनसहयोग का आग्रह करते ह
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को अमन बहाली में जनसहयोग का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य के समग्र विकास की पहली शर्त ही स्थिरता, शांति और सुरक्षा का माहौल है। उन्होंने कहा कि राज्य की अवाम को हमारी पार्टी और हमारी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। हम इन उम्मीदों को नाउम्मीद में नहीं बदलने देंगे, लेकिन जनता को भी हमारा सहयोग करना होगा।
महबूबा बड़गाम जिले के बीरवाह और उसके साथ सटे इलाकों में श्रीनगर संसदीय सीट के उपचुनाव में पीडीपी के उम्मीदवार नजीर अहमद खान के समर्थन में चुनावी रैलियों को संबोधित कर रही थीं। महबूबा पीडीपी की अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने वर्ष 2002 से 2005 तक पीडीपी के पहले शासनकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने उसी मिशन को आगे ले जाने के लिए भाजपा संग यहां सरकार बनाई। हमने जब भी एजेंडा ऑफ एलांयस को गति दी, यहां कुछ लोगों ने कभी सैनिक कॉलोनी के नाम पर, कभी कश्मीरी पंडित कॉलोनी के नाम पर हालात खराब कर रियासत की बेहतरी के हमारे मिशन को रोकने का प्रयास किया है। बीते साल के हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आम कश्मीरी को पता है कि कौन सी ताकतें और कौन से सियासी दल यहां नौजवानों के हाथों में पत्थर दे रहे थे। इन सभी को नाकाम बनाने और रियासत के समग्र विकास के लिए मुझे आप सभी लोगों का पूरा सहयोग चाहिए। मैं आप लोगों को यकीन दिलाती हूं कि रियासत में अमन और खुशहाली की बहाली के लिए पीडीपी हर संभव प्रयास करते हुए अपने सभी वादों को पूरा करेगी।
उन्होंने अपनी सभाओं में कहा कि यह देखकर बहुत तसल्ली मिलती है कि आज लोग हमसे रिपोर्ट कार्ड मांग रहे हैं, क्योंकि वह पीडीपी को अपनी जमात मान उससे अपनी समस्याओं के हल की उम्मीद रखते हैं। लोगों की यही भावना हमें जमीनी स्तर पर रियासत के विकास और लोगों के कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा मेहनत करने को प्रेरित करती है।
महबूबा ने कहा कि हमने भाजपा के साथ हाथ कुर्सी के लिए नहीं, इस रियासत की बेहतरी के लिए मिलाया है। हमने उसके साथ एजेंडा ऑफ एलांयस तय किया है और उस पर अमल भी कर रहे हैं। इससे पहले जब हमने कांग्रेस के साथ गठजोड़ किया था, तब कांग्रेस के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया था। हम नेशनल कांफ्रेंस की तरह नहीं है जो सिर्फ कुर्सी की खातिर कांग्रेस या किसी अन्य दल के साथ हाथ मिलाती है।
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