हर इंसान माया रूपी जाल में फंसा : शास्त्री
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी : श्री श्री 1008 सतगुरु बाबा काशी दास गिर जी बाणगंगा वाले की गुरु गद्दी बन
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी :
श्री श्री 1008 सतगुरु बाबा काशी दास गिर जी बाणगंगा वाले की गुरु गद्दी बनपुरी में ऐतिहासिक वार्षिक भंडारे की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इसी उपलक्ष्य मे मंदिर परिसर में राम कथा का आयोजन किया गया है, जिसमें गुरु गद्दी आसीन गुरु गोसाई बृज भूषण जी महाराज श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देकर कृतार्थ कर रहे हैं।
शनिवार के प्रसंग में डॉ. अनिल कृष्ण शास्त्री जी महाराज सभी श्रद्धालुओं को अपनी मधुर वाणी से श्री राम जी की कथा सुना कर आनंदित कर रहे हैं। शनिवार के प्रसंग में श्री शास्त्री जी ने बताया कि संसार माया रूपी जाल है। हर इन्सान इसके जाल में फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि संसार में तीन प्रकार के हठ से बचना नामुमकिन है स्त्री हठ, बाल हठ और राज हठ। यह तीनों हठ मनुष्य की राह में आ जाए तो उससे बचना मुश्किल हो जाता है। विश्वामित्र व उनके द्वारा की जा रही पूजा-अर्चना में राक्षसों द्वारा विघ्न डालने पर श्री राम लक्ष्मण को वहां जाना पड़ता है। ऋषि-मुनियों को द्वारा की जा रही तपस्या को राक्षस द्वारा डाले विघ्न से दूर करने के लिए श्रीराम द्वारा खर-दूषण बाकी अन्य राक्षसों का वध कर दिया जाता है। इसी दौरान राजा जनक द्वारा श्री राम व लक्ष्मण आदि को सीता स्वयंवर के लिए आमंत्रित किया जाता है जिसमें जो योद्धा धनुष को तोड़ेगा उसे सीता अपना वर मानकर विवाह कर लेगी अयोध्या में पहुंचने पर श्री राम जी का विश्वामित्र जी के साथ स्वागत किया जाता है। सीता को लेकर जब राजा राम अयोध्या में पहुंचते हैं तो राजा दशरथ उन्हें राजपाट सौंपने की योजना बनाते हैं लेकिन बीच में कैकेयी के कहने पर दासी मथुरा द्वारा भरत को राजपाट देने की बात कहती है, जिसके बाद राजा राम को 14 वर्ष का वनवास हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह एक स्त्री हठ थी जिस पर श्री राम को 14 वर्ष का वनवास झेलना पड़ा था। कथा के अंत में गुरु गोसाई बृज भूषण जी महाराज द्वारा आरती उतारकर सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया गया और प्रसाद का भी वितरण हुआ।