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45 दिन में 513 बार पाक ने किया संघर्ष विराम का उल्लंघन

जागरण संवाददाता राजौरी पाकिस्तानी सेना ने जम्मू संभाग के राजौरी पुंछ व जम्मू जिले के अख्

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 03:42 AM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 06:35 AM (IST)
45 दिन में 513 बार पाक ने किया संघर्ष विराम का उल्लंघन

जागरण संवाददाता, राजौरी : पाकिस्तानी सेना ने जम्मू संभाग के राजौरी, पुंछ व जम्मू जिले के अखनूर सेक्टर मे 45 दिन में 513 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। इसमें 100 से अधिक बार भारी हथियारों का उपयोग किया है। हमारी सेना ने भी पाक सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया है। किश्तवाड़ में कुछ समय में हुई तीन आतंकी घटनाएं चिता का विषय हैं। हम क्षेत्र में फिर से आतंकवाद को सफल नहीं होने देंगे। किश्तवाड़ में आतंकवाद के सफाए के लिए हमने अभियान छेड़ दिया है। यह बातें राजौरी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए 16 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने कहीं।

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उन्होंने कहा कि किश्तवाड़ में तीन आतंकी घटनाएं चिता का विषय हैं। खुफिया एजेंसियों, पुलिस और सेना ने संयुक्त रणनीति बनाई है। इसे धरातल पर लागू किया गया है। आतंकी घटनाओं में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अब भी इलाके में अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ महीने में नियंत्रण रेखा पर 513 संघर्ष विराम उल्लंघन हुए हैं।

भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान में हुए नुकसान पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना नुकसान की जानकारी नहीं देती, लेकिन मिली जानकारी से पता चला है कि पाकिस्तान को हमारे नुकसान से छह गुना अधिक नुकसान हुआ है। सेना के कोर कमांडर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर तोपखाने सहित भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से किए गए सभी युद्धविराम उल्लंघन व अन्य शरारती हरकतों का भारतीय सेना से मुंहतोड़ जवाब दिया।

नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से स्नाइपर हमलों पर उन्होंने कहा कि पिछले दो से तीन महीनों में हुए ऐसे हमलों के बाद रक्षात्मक उपाय किए गए हैं। उन्होंने स्नाइपर हमलों के आंकड़े भी साझा किए और बताया कि एक जनवरी से 26 फरवरी तक केवल चार स्नाइपर शॉट की घटनाएं हुई। 26 फरवरी के बाद अब तक स्नाइपर हमले की एक भी घटना नहीं हुई है। सेना के नाम पर कुछ राजनीतिक दलों के राजनीतिकरण के प्रयासों के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि सेना संवैधानिक ढांचे के तहत काम करती है और सेना का अपना काम है।

राजौरी और पुंछ के वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य पर उन्होंने कहा कि 90 के दशक के बाद सेना, नागरिक आबादी, नागरिक प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से राजौरी और पुंछ से आतंकवाद को मिटाने के लिए काम किया था, लेकिन अभी भी राजौरी और पुंछ की शांति को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जब तक हम सभी (सेना, पुलिस, नागरिक प्रशासन और नागरिक आबादी) निकट तालमेल में काम करते रहेंगे, राजौरी और पुंछ में उग्रवाद को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को सफलता नहीं मिल सकती है।


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