बड़े ही भाग्य से होता है किसी के घर बेटी का जन्म
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी: श्रीराम कथा में मंगलवार को आचार्य मनोज अवस्थी ने कहा कि व्यक्ति को मौन रहना
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी: श्रीराम कथा में मंगलवार को आचार्य मनोज अवस्थी ने कहा कि व्यक्ति को मौन रहना चाहिए। मौन रहने से जीवन में कलह नहीं होगा, मनुष्य आज माया में लिप्त हो गया।
आचार्य जी ने अनसुइया चरित्र की कथा को सुनाते हुए बताया कि पतिव्रता नारी में इतनी समर्थ होती है की वो ब्रम्हा विष्णु महेश को बालक बना सकती है। क्योंकि भारत की यही सभ्यता और संस्कार को जन्म देती है। भारत की नारी सदा से ही पूज्यनीय रही है। सती चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि कभी किसी के यहाँ बिना बुलाये नहीं जाना चाहिए। बेटी अपने पिता से बहुत प्रेम करती है और पिता भी अपनी बेटी को बहुत प्रेम करता है। बेटी बड़े भाग्य से किसी के यहाँ जन्म लेती है। उसकी तो पूजा करनी चाहिए। कन्या भ्रूणहत्या के ऊपर जोर देते हुए कहा कि ये महापाप है। पिता की क्षमता को और माता की ममता को कभी मापा नहीं जा सकता। माता-पिता का आदर करना चाहिए।
आगे ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए कहा कि गुरु ही परमात्मा से मिलता है। ध्रुव जी को नारद जी जैसे गुरु मिले और उन्होंने भगवान से मिलवाया व धर्म के ऊपर श्रद्धा होनी चाहिए। धर्म में दिखावे का कोई स्थान नहीं होता। भरत जी के चरित्र को सुनाते हुए कहा कि आज माता पिता बच्चो को पालपोस कर बड़ा करते है, लेकिन बच्चे माता पिता को दो वक्त का भोजन नहीं दे पाते। अगर कोई अपने पुत्र को संस्कार दे तो एक संस्कारी संतान पूरे परिवार को मुक्ति दिला सकती है।