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Rajouri News: वन भूमि की पहचान के लिए जीपीएस मैपिंग, सयोट क्षेत्र में सीमांकन के लिए जुटाया डाटा

राजौरी के सीएफ वेस्ट सर्किल संदीप कुमार नौशहरा डीएफओ श्वेता देवनिया ने वन विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर सयोट क्षेत्र का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने सयोट क्षेत्र में सीमांकन के लिए डाटा जुटाया। वहीं अधिकारियों ने कहा कि ये वन संरक्षण के लिए काम आएगा। जिम्मेदार वन प्रबंधन और संरक्षण के प्रति विभाग के सक्रिय रुख को भी स्पष्ट करता है

By ankush sharma Edited By: Deepak Saxena Sat, 27 Apr 2024 07:28 PM (IST)
Rajouri News: वन भूमि की पहचान के लिए जीपीएस मैपिंग, सयोट क्षेत्र में सीमांकन के लिए जुटाया डाटा
वन भूमि की पहचान के लिए जीपीएस मैपिंग।

संवाद सहयोगी, सुंदरबनी। वन विभाग के उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर राजौरी के सीएफ वेस्ट सर्किल संदीप कुमार, नौशहरा डीएफओ श्वेता देवनिया ने शनिवार को सयोट क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान सीमांकन गतिविधियों की प्रगति व डाटा संकलन के लिए जानकारी हासिल की। वन विभाग केअधिकारियों का यह दौरा तहसील सयोट के अंतर्गत आते वन क्षेत्र में सीमांकन के लिए किया गया।

वन विभाग के सीएफ वेस्ट सर्किल राजौरी संदीप कुमार ने बताया कि अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग न केवल सटीकता को बढ़ाता है, बल्कि जिम्मेदार वन प्रबंधन और संरक्षण के प्रति विभाग के सक्रिय रुख को भी स्पष्ट करता है। वेस्ट सर्किल द्वारा 65,000 सीमा स्तंभों का सर्वेक्षण करने की उत्कृष्ट उपलब्धि प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

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अत्याधुनिक तकनीक के साथ किया जा रहा सर्वेक्षण

यह मील का पत्थर भावी पीढ़ियों के लाभ के लिए वनों के संरक्षण के प्रति विभाग के दृढ़ समर्पण को दर्शाता है। नौशहरा डीएफओ श्वेता देवनिया ने बताया कि प्रभाग में लगभग 10400 बीपी वाले 68 जंगल हैं, जिनमें से 5000 बीपी वाले 37 जंगलों का पहले ही सीमांकन किया जा चुका है और बाकी सर्वेक्षण अत्याधुनिक तकनीक के साथ प्रगति पर है।

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