डोगरा परिवारों को कस्टोडियन ,स्टेटलैंड जमीनों का मिले मालिकाना हक
संवाद सहयोगी सुंदरबनी जम्मू कश्मीर में रह रहे हजारों लोगों को कस्टोडियन स्टेटलैंड व
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी : जम्मू कश्मीर में रह रहे हजारों लोगों को कस्टोडियन, स्टेटलैंड व महाजरीन जमीनों पर दशकों से मालिकाना हक नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए इंसानियत संस्था के प्रधान नैनो बंगवाल ने लोगों को जल्द से जल्द मालिकाना हक देने की सरकार से मांग उठाई है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले डोगरा लोक कल्याण फोरम द्वारा जो पत्रकारवार्ता कर हजारों लोगों की जमीनी के मालिकाना हक को लेकर जो आवाज उठाई गई है, इंसानियत संस्था उसका समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे के समय जिन लोगों ने इस जम्मू कश्मीर को सोने की चिड़िया की तरह रखा, उन लोगों को आज भी अपनी जमीनों के मालिकाना हक नहीं दिया गया है। उन्हें 70 साल से पीड़ित किया जा रहा है। नैनो बंगवाल ने कहा कि देश के बंटवारे के समय जम्मू कश्मीर से जो लोग गुलाम कश्मीर चले गए, वे अपने पीछे करोड़ों रुपये की संपत्ति छोड़ गए। उस संपत्ति के रखरखाव के लिए सरकार द्वारा कस्टोडियन विभाग बनाया गया, ताकि छूटी संपत्ति का हिसाब किताब रखा जा सके। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि दशकों से इन कस्टोडियन, स्टेटलैंड, महाजरीन जमीनों पर खेती-बाड़ी कर अपने परिवारों का पालन-पोषण कर रहे इन हजारों लोगों को सरकार द्वारा जल्द से जल्द मालिकाना हक दे दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुंदरबनी के सैकड़ों परिवार इन जमीनों पर वर्षो से खेतीबाड़ी कर अपने परिवारों का गुजारा कर रहे हैं, लेकिन मालिकाना हक नहीं होने पर इन लोगों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ जमीनों पर मालिकाना हक नहीं होने पर लाभ नहीं पहुंच रहा। उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हुए कहा कि दशकों से जो लोग कस्टोडियन, स्टेटलैंड, महाजरीन जमीनों पर रहकर अपने परिवारों का पालन-पोषण कर रहे हैं, सरकार को समय न गंवाते हुए उन्हें जल्द से जल्द मालिकाना हक दे देना चाहिए, जिससे उन लोगों को भी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ पहुंच सके।