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छह वर्ष बीते, पर शुरू नहीं हुआ एससी/एसटी हॉस्टल का निर्माण

संवाद सहयोगी, नौशहरा : कस्बे में राज्य सरकार की मंजूरी के छह वर्ष बीतने के बाद भी एससी/

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 07:55 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 07:55 PM (IST)
छह वर्ष बीते, पर शुरू नहीं हुआ एससी/एसटी हॉस्टल का निर्माण

संवाद सहयोगी, नौशहरा : कस्बे में राज्य सरकार की मंजूरी के छह वर्ष बीतने के बाद भी एससी/एसटी हॉस्टल का निर्माण नहीं हो सका है। इससे लोगों में सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि सरकार निर्णय तो ले लेती है, मगर उनको अमलीजामा पहनाने में लंबा समय लगा देती है। इस कारण लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।

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आपको बता दें कि छह वर्ष पूर्व नौशहरा ने अनुसूचित जाति के पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए एससी/एसटी हॉस्टल खोलने की मंजूरी दी गई थी। उसे दौरान राजस्व विभाग ने सरकारी जमीन का चयन भी कर लिया था। मगर अभी तक हॉस्टल निर्माण के लिए फंड ही नहीं मिल पाया है। लोगों का कहना है कि सरकार ने दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले एससी/एसटी से संबंधित बच्चों को शिक्षा हासिल में दिक्कत न हो इसके लिए हॉस्टल बनाने का निर्णय लिया था, मगर निर्णय अभी तक अमल में नहीं लाया जा सका है। आज भी एससी/एसटी के बच्चों को शिक्षा हासिल करने के लिए रोजाना दूर दराज से नौशहरा के स्कूलों में आना पड़ता है। इसके कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।

सनम रैना सहित अन्य युवाओं ने बताया कि सरकारें घोषणाएं तो कर देती हैं, मगर उनको पूरा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाती हैं। हमारे बच्चों का पूरा समय तो स्कूल एवं सफर में गुजर जाता है ऐसे में वह कैसे पढाई करेंगे। अगर यहां एससी/एसटी हॉस्टल हो तो वह रात को यहीं रुक कर पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि एससी/एसटी के बच्चों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, जिस कारण दोनों वर्गो के लोग पिछड़ रहे हैं। उन्होंने राज्य प्रशासन से मांग की है कि नौशहरा में जल्द से जल्द एससी/एसटी हॉस्टल का निर्माण शुरू करवाया जाए, ताकि बच्चों को सुविधा मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी है कि जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो लोग सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं, जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।

उधर, एडीसी नौशहरा सचिन देव ¨सह का कहना है कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी, ताकि जल्द सकारात्मक परिणाम सामने आ सकें।


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