1965 में बने झूला पुल को मरम्मत की दरकार, हादसों का अंदेशा
जागरण संवाददाता, राजौरी : जिला के अंतर्गत सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को नाले पर बने पुल की
जागरण संवाददाता, राजौरी :
जिला के अंतर्गत सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को नाले पर बने पुल की हालत काफी जर्जर होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंजाकोट तहसील के गांव देरीदड़ा में 1965 से पहले बना झूला पुल को मरम्मत की दरकार है। पल पर कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों ने लोक निर्माण विभाग से पुल की जल्द मरम्मत की मांग की है।
नियंत्रण रेखा के साथ सटे सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सेना इसी झूला पुल का इस्तेमाल कर अग्रिम चौकियों तक पहुंचती थी। सुरक्षाबलों को सीमावर्ती गांवों तक पहुंचने में कोसों दूर एक मात्र झूला पुल था। अब समय बदलता गया। कई गांव पक्की सड़क से संपर्क में आ गए, लेकिन इस पुल की हालत दिन व दिन जर्जर हो रही है। झूला पुल में लगे लोहे के रस्से, टीन का फर्श लगभग 80 प्रतिशत टूट कर बिखर चुका है। हर दिन पांच सौ के करीब लोग इस टूटे पुल से मजबूरन आवाजाही करते हैं।
पुल जर्जर होने के चलते बच्चे डर डर कर जान जोखिम में डालकर पार करते हैं। अकेला बुर्जग पुल को पार नहीं कर सकता।
स्थानीय निवासी माजिद खान, फौजियां कौसर, शमीम अख्तर आदि ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए कहा कि गांव में 1965 से पहले झूले पुल का निर्माण हुआ था। जो अब मरम्मत के इंतजार में है नहीं तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिसका जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा। उन्होंने कहा कि आवाजाही के लिए पहले सेना इसी पुल का इस्तेमाल करती थी। अब पुल टूट चुका है। कई बार प्रशासन को अवगत करवाया करवाया गया, लेकिन समस्या को अभी तक नजरअंदाज ही किया गया है। जल्द से पुल की मरम्मत की जाए।
वहीं तहसीलदार मंजाकोट मुहम्मद शेराज ने बताया कि पुल की समस्या को लेकर गांवों के लोगों का प्रतिनिधि मंडल अवगत करवा चुका है। जल्द ही पुल की मरम्मत करवाकर लोगों की समस्या को दूर कर लिया जाएगा।