युद्ध उन्माद भड़काने की साजिश रच रहा पाकिस्तान, सेना को गुलाम कश्मीर में किया तैनात
पाकिस्तान में पूर्व सैनिकों की फिर से भर्ती की जा रही है। ऐसे में भारतीय सेना भी पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।
गगन कोहली, राजौरी। अनुच्छेद 370 हटने के बाद दुनियाभर में हर मोर्चे पर पिट रहा पाकिस्तान अब नियंत्रण रेखा के आसपास युद्ध उन्माद भड़काकर अपनी खामियों को ढकने का प्रयास कर रहा है। कश्मीर के नाम पर पाक सेना युद्ध के हालात बना सहानुभूति लेने का प्रयास कर रही है। गुलाम कश्मीर में कई मदरसों को खाली करवाकर उनमें रह रहे बच्चों को घरों में भेज दिया है और मदरसों में आतंकवादियों और पाक सेना ने डेरा जमा रखा है।
इसके अलावा दूसरे क्षेत्रों से लाकर गुलाम कश्मीर में सेना का जमावड़ा किया जा रहा है। पाक सेना की एंबुलेंस भी तैनात है। तोप खाने को भी सीमा के करीब तैनात किया गया है। इतना ही नहीं पूर्व सैनिकों की फिर से भर्ती की जा रही है। ऐसे में भारतीय सेना भी पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।
पुंछ और राजौरी के उस पार ज्यादा जमावड़ा
सूत्रों के अनुसार, सियालकोट और रावलपिंडी समेत लाहौर से भी कई बिग्रेड गुलाम कश्मीर में मूव किए गए हैं। गुलाम कश्मीर के मुजफ्फराबाद, कोटली बाग, डूंगी, समानी और अन्य इलाकों में पाक सेना ने मदरसों को खाली करवाया है। पुंछ और राजौरी के उस पार गुलाम कश्मीर में अधिक जमावड़ा दिख रहा है।
कहां तैनात है कौन सी रेजीमेंट
56 पंजाब रेजीमेंट को कोटली, 58 बलोच रेजीमेंट को डूंगी, 20 सिंध रेजीमेंट को बाग, 75 पजांब रेजीमेंट को रावलकोट, 666 मिसाइल रेजीमेंट को कोटली में तैनात किया गया है। साजिश रची जा रही है कि पाक सेना वहां युद्ध के हालात पैदा कर दे। इसी के चलते नियंत्रण रेखा पर भी लगातार पाक सेना द्वारा उकसावे वाली कार्रवाई की जा रही है। हालांकि भारतीय सेना भी पाकिस्तान की इस कार्रवाई का करारा जवाब दे रही है।
मुज्जफराबाद में सिग्नल रेजीमेंट भी तैनात
इतना ही नहीं पाक सेना ने हर माहौल में कम्यूनिकेशन सुचारू बनाए रखने के लिए नीलम वेली और मुज्जफाराबाद में सिग्नल रेजीमेंट को तैनात किया है और संचार व्यवस्था के लिए हाई फ्रीक्वेंसी टावर खडे़ कर दिए है। पुंछ और राजौरी पर होने वाली गोलाबारी में कई बार तोपों का इस्तेमाल किया गया है। पाक सेना के उच्च अधिकारी भी एलओसी का दौरा कर रहे हैं।
पूर्व सैनिकों को दुबारा किया जा रहा भर्ती
पाक सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले पूर्व सैनिकों की फिर से भर्ती शुरू की है। युद्ध के हालात बनते हैं तो इन्हें अग्रिम मोर्चें पर इस्तेमाल किया जाएगा। क्योंकि यह लोग क्षेत्र से अच्छी तरह से वाकिफ हैं और इनकी और सीमा के साथ सटे भारतीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों की भाषा भी एक जैसी ही है। सूत्रों का अनुसार, एक हफ्ते में ही पाक सेना ने एक हजार के करीब पूर्व सैनिक की फिर से भर्ती की है।
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