किसानों की जमीनों की बनाई जाए रेवेन्यू पासबुक
संवाद सहयोगी सुंदरबनी किसानों की जमीनों की रेवेन्यू पासबुक बनाई जाए उन पर जमीनों की हर
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी : किसानों की जमीनों की रेवेन्यू पासबुक बनाई जाए, उन पर जमीनों की हर छह माह में एंट्री की जाए ताकि किसान अपनी जमीन को लेकर खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। यह बात आलोक जेएंड के किसान यूनियन के महासचिव विनोद कुमार शर्मा ने कही। शर्मा ने कहा कि रेवेन्यू रिकॉर्ड से होने वाली अक्सर छेड़छाड़ से किसानों में चिंता रहती है। आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए राज्यपाल को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मात्र 100 से 500 तक के खाते में बैंक में पासबुक जारी की जाती है लेकिन किसानों की लाखों रुपए की जमीनों की पासबुक नहीं बनाई जा रही है। शर्मा ने कहा कि रेवेन्यू पासबुक पर रबी और खरीफ की एंट्री होनी चाहिए और किसान एक मजबूत प्रमाण पत्र के आधार पर इस पासबुक को किसी भी दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल कर सकें साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों की जमीनों का संपूर्ण कंप्यूटरीकरण किया जाना चाहिए और कंप्यूटर के माध्यम से ही इस का बंदोबस्त किया जाना चाहिए।
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अदालतों में भी जमीनों के अधिक मामले
छोटी से लेकर बड़ी अदालतों में जमीनों के सबसे अधिक मामले हैं जिसका यही कारण है कि किसानों को रेवेन्यू पासबुक जारी नहीं की जा रही है। इसके किसान खुद को जमीनों को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं।