बकरीद पर सीमा पर मिठाइयों का अदान- प्रदान
नियंत्रण रेखा पर जहां आए दिन गोलियां और मोर्टार का आदान-प्रदान होता था वहीं युद्ध विराम समझौते के बाद बुधवार को पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा चकना दा बाग से बकरीद पर भारत-पाक सेना के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान किया गया। चकना दा बाग और मेंढर के तत्तापानी से भारतीय सेना और पाकिस्तान सेना के बीच बकरीद पर मिठाई भेंट करते हुए एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी गई।
संवाद सहयोगी, पुंछ : नियंत्रण रेखा पर जहां आए दिन गोलियां और मोर्टार का आदान-प्रदान होता था, वहीं युद्ध विराम समझौते के बाद बुधवार को पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा चकना दा बाग से बकरीद पर भारत-पाक सेना के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान किया गया। चकना दा बाग और मेंढर के तत्तापानी से भारतीय सेना और पाकिस्तान सेना के बीच बकरीद पर मिठाई भेंट करते हुए एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी गई।
ईद-उल-अजहा पर जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिला पुंछ के चकना दा बाग और मेंढर के तत्तापानी से नियंत्रण रेखा पर मुख्य गेट खोले गए और दोनों देशों की सैन्य अधिकारियों सहित जवानों ने एक दूसरे के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान शुभकामनाएं दी। भारत-पाक के सैन्य अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि युद्ध विराम समझौते का शांति से पालन होगा। इसके लिए दोनों देशों में आपसी विश्वास बहुत जरूरी है।
सोशल फारेस्ट्री के कर्मियों की फिकी रही बकरीद
संवाद सहयोगी, कालाकोट :
ईद उल अजहा पर्व पर वेतन जारी न होने से सोशल फॉरेस्ट्री कर्मचारी त्योहार नहीं मना सके, जिससे कर्मचारियों को इस त्योहार पर निराश होना पड़ा।कर्मचारी मुहम्मद इरशाद, मुहम्मद साबिर, मुहम्मद रियाज, मुहम्मद यूनुस, मेहर अली, मुहम्मद इदरीश आदि कर्मचारियों ने बताया कि सोशल फॉरेस्ट्री में सेवा दे रहे अस्थाई कर्मचारियों का वेतन 19 माह का बकाया चल रहा है, जिसे जारी करने को कोई पहल नहीं की जा रही।
उन्होंने कहा कि हम कर्मचारियों को एक आस थी कि ईद उल अजहा पर्व से पहले उन्हें एक-दो माह का वेतन जारी किया जाएगा और हम ईद उल अजहा पर्व को खुशी पूर्वक मना पाएंगे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ। इससे कर्मचारी काफी निराश हैं। उनके लिए खुशियों भरा त्योहार मायूसी में बदल गया। कर्मचारियों ने कहा कि पिछले कई माह से कर्मचारी वेतन की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। अब कर्मचारियों ने तय कर लिया है कि आने वाले दिनों में वो सड़कों पर उतरेंगे।