कला उत्सव व आभासी कार्यशाला का आयोजन
संवाद सहयोगी पुंछ पुंछ में संभाग स्तरीय कला उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें जिला
संवाद सहयोगी, पुंछ : पुंछ में संभाग स्तरीय कला उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिला स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने वाले चुनिंदा छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार की प्रतियोगिता में भाग लिया।
जिले के विभिन्न संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। संभाग स्तरीय कला उत्सव कार्यक्रम का आयोजन डाइट पुंछ में हुआ। कार्यक्रम जिला नोडल अधिकारी पुंछ की देखरेख में किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी सदाकत हुसैन और प्रिसिपल डाइट गुलजार कादरी रहे, जबकि डाइट पुंछ के लेक्चरर खुशिंदर सिंह, एचओडी सरदार मनमोहन सिंह, सीनियर लेक्चरर बदर मन्हास, लेक्चरर डाइट सबर हुसैन बिट्टा, हरीश शर्मा, दर्शन भारती, अजय मैनी, ड्रग विभाग के मुमताज भट और डाइट पुंछ के सदस्य विशेष तौर पर उपस्थित रहे। जिला नोडल अधिकारी अंजुमन शाहीन ने सभी प्रतिभागियों और प्रधानाचार्य व डाइट पुंछ का इस कार्यक्रम को सफल बनाने के और सहयोग के लिए धन्यवाद प्रकट किया।
वहीं, डिग्री कॉलेज पुंछ में वनस्पति विज्ञान विभाग शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी जम्मू के सहयोग से वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एचईडी महासचिव तलत परवेज और डॉ. जेपी शर्मा रहे। इस कार्यक्रम के दौरान डिग्री कॉलेज पुंछ बॉटनी की एचओडी प्रो. रानी मुगल, यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल जम्मू रेंज के डॉ. सचिन सोनी ने कार्यशाला के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के दौरान प्रिसिपल डिग्री कॉलेज पुंछ प्रो. एमएच शाह, प्रधान वैज्ञानिक आइसीएआर डॉ. बृज लाल अत्री, मशरूम अनुसंधान निदेशालय सोलन डॉ. सचिन गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर प्लांट पैरोलोजी जम्मू की प्रोफेसर डॉ मोनी गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर डिवीजन ऑफ बायोकैमिस्ट्री फैकल्टी ऑफ बेसिक साइंसेज जम्मू, डॉ. अरविद कुमार ईशर केवीके राजौरी आदि ने मशरूम की खेती की चुनौतियों पर चर्चा की। इस अवसर पर प्रोफेसर रानी मुगल ने अपने समापन भाषण में कौशल विकास के लिए छात्रों के लिए ऐसी कार्यशालाओं की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया, ताकि जब तक छात्र निजी क्षेत्र में नौकरी करके या अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए तैयार हों, तब तक वे अपने करियर की शुरुआत करें। उन्होंने कहा कि यह ई-कार्यशाला हमारे युवाओं को कृषि, बागवानी, खाद्य प्रौद्योगिकी आदि में नए पाठ्यक्रमों के साथ आगे बढ़ाने की दिशा में ले जाएगी।