सूखे कंठ से कैसे बोलेंगे क से कबूतर
जागरण संवाददाता पुंछ अपनी जान जोखिम में डालकर भारत-पाक सीमा पर स्थित बालाकोट प्राइमरी
जागरण संवाददाता, पुंछ :अपनी जान जोखिम में डालकर भारत-पाक सीमा पर स्थित बालाकोट प्राइमरी स्कूल में मासूम बच्चे क से कबूतर सीखने आते हैं, लेकिन भीषण गर्मी में पेयजल के अभाव में सूखे कंठ की वजह से उन्हें काफी परेशानी होती है। स्कूल प्रशासन और पीएचई विभाग की अनदेखी से तंग आकर स्कूल के बच्चों ने मंगलवार को कक्षाओं का बहिष्कार कर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी बच्चे स्कूल में पीने के पानी मुहैया करवाने की मांग कर रहे थे। बच्चों ने कहा कि स्कूल प्रशासन और पीएचई विभाग की गलत कार्यप्रणाली का खामियाजा इस स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
यह स्कूल भारत-पाक सीमा पर है और जब भी पाकिस्तानी सेना बालाकोट सेक्टर में गोलाबारी करती है तो गोले इस स्कूल में गिरते है।
प्रदर्शन में स्कूली बच्चों के साथ शामिल स्थानीय लोगों ने कहा कि स्कूल के छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और स्कूल में बनी पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया, ताकि स्कूल में पानी की समस्या दूर हो सके। छात्र या तो घर से बोतलों में पानी ले जा रहे हैं या उन्हें कुएं से पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। स्थानीय लोगों ने कहा कि स्कूल फायरिग रेंज में आता है और स्कूल से दूर पानी लाना उनके लिए किसी खतरे से खाली नहीं है। मुहम्मद जावेद, मुहम्मद फारूक आदि अन्य लोगों ने कहा कि शिक्षा विभाग और सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिग विभाग असंतोषजनक तरीके से काम कर रहे हैं और संबंधित अधिकारी पाकिस्तान सेना की चौकियों के सामने स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को पानी की एक बूंद भी नहीं दे पा रहे हैं। स्थानीय लोगों व विद्यार्थियों ने कहा कि जल्द स्कूल में पीने के पानी की समस्या को दूर नहीं किया गया तो वे उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे।
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पीएचई मुहैया नहीं करा रहा पेयजल
उपमुख्य शिक्षा अधिकारी मेंढर, लाल हुसैन ने कहा कि छात्रों द्वारा विरोध की सूचना मिलने के तुरंत बाद स्कूल के शिक्षकों को विरोध प्रदर्शन को शांत करने के लिए निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि स्कूल में पानी की आपूíत प्रदान करने के लिए पीएचई विभाग के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस समस्या का हल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में पचास विद्यार्थी पढ़ रहे है, लेकिन स्कूल में पीएचई विभाग पानी का प्रबंध नहीं कर रहा है।