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बारामुला व शोपियां में मुठभेड़, जैश और हिज्ब के कमांडरों सहित चार दुर्दात आतंकी ढेर

सेना ने कश्मीर में आतंकियों के खात्मे का अभियान तेज करते हुए सोमवार को दो मुठभेड़ों में जैश और हिज्ब के कमांडरों सहित चार दुर्दात आतंकियों को मार गिराया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 10 Oct 2017 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 10 Oct 2017 11:32 AM (IST)
बारामुला व शोपियां में मुठभेड़, जैश और हिज्ब के कमांडरों सहित चार दुर्दात आतंकी ढेर

श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । सेना ने कश्मीर में आतंकियों के खात्मे का अभियान तेज करते हुए सोमवार को दो मुठभेड़ों में जैश और हिज्ब के कमांडरों सहित चार दुर्दात आतंकियों को मार गिराया। दर्जनों वारदात में वांछित जैश-ए-मुहम्मद का उत्तरी कश्मीर का डिवीजनल कमांडर उमर खालिद बारामुला जिले में हुई मुठभेड़ में मार गिराया। डबल ए श्रेणी के पाकिस्तानी आतंकी खालिद पर 12 लाख का इनाम था। उसने ही पिछले माह सितंबर में जिला पुलिस लाइन पुलवामा और तीन अक्टूबर को श्रीनगर एयरपोर्ट के पास हुमहामा क्षेत्र में बीएसएफ कैंप पर आत्मघाती हमले की साजिश रची थी।

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इसके अलावा दक्षिण कश्मीर के शोपियां में भी सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के जिला कमांडर जाहिद समेत तीन आतंकियों को मार गिराया। इस दौरान सेना के दो जवान भी जख्मी हो गए। उमर खालिद उर्फ शाहिद शौकत उर्फ नूर मुहम्मद के बारे में एक पखवाड़ा पहले ही सुरक्षा एजेंसियों को पुख्ता जानकारी मिली थी। तभी से उसकी गतिविधियों की लगातार निगरानी हो रही थी। इस दौरान वह तीन बार सुरक्षाबलों की घेराबंदी से भी बच निकला।

सोमवार सुबह सुरक्षाबलों को सूचना मिली कि आतंकी उमर एक सूमो टैक्सी में अपने संपर्क सूत्र के पास जाने वाला है। इस पर सेना की 32 आरआर और राज्य पुलिस विशेष अभियान दल (एसओजी) के जवानों ने लाडूरा में सादे कपड़ों में नाका लगाया। उमर आया और मुख्य चौक से कुछ दूरी पर पहले ही सूमो टैक्सी से उतर कर पैदल चलने लगा। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे देख रुकने का संकेत किया और अपनी तरफ बुलाया। उमर खालिद समझ गया कि वह फंस गया है और उसने उसी समय ग्रेनेड फेंका और निकटवर्ती बस्ती की तरफ भागा। जवानों ने उस पर गोली चलाई और पीछा किया। गोली लगने से वह ज्यादा दूर भाग नहीं पाया। वहीं स्थित एक स्कूल के पास बने एक मकान में घुस गया और वहां से फायरिंग करने लगा।

सुरक्षाबलों ने उसे आत्मसमर्पण करने का मौका दिया, लेकिन उसने एक नहीं सुनी। जवानों को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। करीब 25 मिनट तक चली मुठभेड़ में वह मारा गया।

स्थानीय लड़कों को जैश में कर रहा था भर्ती :

उमर खालिद उत्तरी कश्मीर और सेंट्रल कश्मीर में जैश के नेटवर्क को मजबूत करने के साथ स्थानीय लड़कों की भर्ती करने में जुटा हुआ था। इसके अलावा उत्तरी कश्मीर में एलओसी के पार से आने वाले जैश के आतंकियों के लिए विभिन्न इलाकों में सुरक्षित ठिकानों व व पैसे का इंतजाम भी करता था। वह श्रीनगर और उसके साथ सटे इलाकों में स्थित सैन्य प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमलों की साजिश को अमली जामा पहनाने में जुटा हुआ था। बीते दो साल से सक्रिय उमर वर्ष 2015 की शुरुआत में कश्मीर आया था। करीब पांच माह रहने के बाद पाकिस्तान लौट गया। उसके बाद नवंबर 2015 में दोबारा कश्मीर आ गया।

इन वारदात के लिए था जिम्मेदार :-

उमर खालिद ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर गत दिनों हंदवाड़ा के हाजिन में एक एसपीओ अल्ताफ अहमद खान व उसके बेटे को गोली मारकर जख्मी किया था। उमर ने सोपोर के मकबूलाबाद बहरामपोरा में ईदुल अमीन मीर के अलावा फैयाज अहमद राथर, सुहैल अहमद डार, पूर्व सरपंच गुलाम नबी ख्वाजा और नाज खान नामक एक अन्य ग्रामीण की हत्या की थी। उमर ने बीते साल बारामुला के ख्वाजाबाग में 46 आरआर के शिविर पर हमला कराया था।

शोपियां मुठभेड़ :

सुरक्षाबलों को दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे पता चला कि हिजबुल के चार से पांच आतंकी शोपियां जिले के गटीपोरा गांव में आए हैं। यह गांव केल्लर कस्बे से सटा हुआ है। सेना की 43 आरआर के जवानों ने सीआरपीएफ व राज्य पुलिस विशेष अभियान दल के जवानों के साथ अभियान शुरू किया। पौने चार बजे जवानों ने गांव की घेराबंदी शुरू की। चार बजे आतंकियों ने जवानों की घेराबंदी तोड़ने के लिए पहली गोली चलाई। जवानों ने जवाबी फायर किया। इस दौरान उन्होंने आतंकियों के भागने के सभी रास्ते बंद करते हुए बार-बार उन्हें सरेंडर के लिए लाऊड स्पीकर पर एलान भी किया। आतंकियों ने फायरिंग जारी रखी। साढ़े पांच बजे पहला आतंकी मारा गया और उसके आधे घंटे बाद दूसरा। तीसरा आतंकी रात साढ़े आठ बजे मार गिराया। इस दौरान आतंकी ठिकाना बना मकान क्षतिग्रस्त हो गया।

आइजीपी कश्मीर मुनीर अहमद खान ने बताया कि मारे गए तीनों आतंकी हिजबुल के थे। इनमें जिला कमांडर जाहिद मीर उर्फ उबैद के अलावा आसिफ और इरफान हैं। तीनों ही जिला शोपियां के रहने वाले थे। अंतिम पहचान के लिए इन तीनों के परिजनों को बुलाया गया है।


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