Move to Jagran APP

कोहरे के मौसम में भूल कर भी गलत दिशा में न दौड़ाएं वाहन

हर साल की तरह सर्दी के मौसम में साल के आखिरी दिनों में कोहरे का कोहराम शुरू होने वाला है। जिससे मार्ग पर कोहरे के कारण ²श्यता कम हो जाती है। जिससे चालकों को वाहनों की गति कम कर वाहन दौड़ाने पड़ते हैं ताकि कम दूरी की ²श्यता के कारण अचानक सामने से आने वाले वाहनों को देखा जा सका और उसी के अनुसार सड़क पर अपने वाहन की रफ्तार रखी जा सकेलेकिन इस

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 01:43 AM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 06:19 AM (IST)
कोहरे के मौसम में भूल कर भी गलत दिशा में न दौड़ाएं वाहन

जागरण सवाददाता,कठुआ :

loksabha election banner

हर साल की तरह सर्दी के मौसम में साल के आखिरी दिनों की तरह इस बार भी कोहरे का कोहराम शुरू होने वाला है। इससे मार्ग पर कोहरे के कारण दृश्यता कम हो जाती है जिसके कारण चालकों को वाहनों की गति कम कर वाहन दौड़ाने पड़ते हैं ताकि अचानक सामने से आने वाले वाहनों को देखा जा सका, लेकिन इसके बावजूद सड़कों पर सैकड़ों वाहन बिना रिफ्लेक्टर, बिना फॉग लाइट, बिना नंबर, बिना इंडीकेटर के दौड़ते हैं,जो अकसर दुर्घटना का कारण बनते हैं। यहीं कारण है कि कोहरे के दौरान मार्ग पर हादसों की संख्या बढ़ जाती है।

कठुआ-जम्मू हाईवे पर तो और भी खतरा बना रहता है,जहां पर कोहरा भी ज्यादा पड़ता है और वाहन भी तेज गति से दौड़ते हैं,उस समय वाहन चलाते समय हिदायतें बरती जानी चाहिए ताकि खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखने में अपना योगदान दे सके।

कठुआ जिले की बात करें तो बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली, टिप्पर एवं कई पुराने वाहन सांबा से लेकर लखनपुर तक निर्माण सामग्री लेकर बिना बैक लाइट और बिना किसी रिफ्लेक्टर के दौड़ते देखे जाते हैं,जो दुर्घटना के कारण बनते हैं। एक तो हाईवे वैसे भी यातायात से व्यस्त रहता है तो कोहरे का कहर सुरक्षित माहौल को असुरक्षित बना देता है। ऐसे में चालक को पूरी सावधानी से वाहन चलाना चाहिए। कई बार घोड़ागाड़ी भी हाईवे पर निर्माण सामग्री लेकर दौड़ते देखे जाते हैं। जिनकी न तो लाइट, न बैक लाइट और न ही रिफ्लेक्टर होता है। जो सीधे मौत लेकर सड़कों पर उतरे होते हैं। हालांकि ऐसे अनफिट वाहनों को सड़कों पर उतरने की अनुमित नहीं होती है,लेकिन संबधित विभाग की आंखों में धूल झोंक कर अनफिट वाहन बिना रोकटेक के दौड़ते हैं। ऐसे वाहनों पर खासकर कोहरे के दौरान प्रशासन के अधिकारियों को नजर रखनी चाहिए, जो अन्य वाहन चालकों को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं। कुछ वाहनों के हेडलाइटों के बीम काम नहीं करते हैं, उससे भी सामने से आ रहे वाहन चालक कोहरे के दौरान उसकी सड़क पर स्थिति को नहीं जान पाते हैं और उससे बचने के लिए सही अनुमान नहीं लगा पाते हैं और बिना कारण दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।

-------------------------------------------- कठुआ में कोहरे का सबसे ज्यादा प्रभाव हाईवे पर ही होता है। जबकि इस पर वाहन भी बड़ी संख्या में दौड़ते है। ऐसे में कई वाहन उनके सामने बिना हेडलाइट, बिना रिफ्लेक्टर, बिना बैक और इंडीकेटर भी दौड़ते हुए आ जाते हैं। जिनसे बचने के लिए उन्हें उस समय अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। कई बार स्पीड ज्यादा होने से अनुमान भी कम दृश्यता के कारण गलत हो जाता है। उससे दुर्घटना हो जाती है। संबधित विभाग को ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई करनी चाहिए या फिर उन्हें ऐसे खतरनाक मौसम में चलने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए ताकि सुरक्षित यातायात खतरनाक मौसम में चलता रहे।

-कुलदीप सिंह, मिनी बस चालक

-------------------------------------------------

चालकों के लिए सड़कों पर वाहन दौड़ाते समय सबसे ज्यादा खतरा कोहरा दौरान ही रहता है। ऐसे में चालकों को भी सतर्क होकर वाहन चलाना चाहिए। जिसमें रूटीन की गति पर लगाम लगाकर जितनी मार्ग पर ²श्यता हो, उसी हिसाब से गति रखनी चाहिए। इससे चालक खुद भी सुरक्षित रहेगा और दूसरों को भी सड़क पर चलने में सुरक्षित रखेगा। चालकों खासकर ऐसे मौसम में अपने वाहनों की फिटनेस एडवांस में करा लेनी चाहिए ताकि समय पर उन्हें परेशानी न हो। सबसे अहम हेडलाइट, बैक लाइट, रिफ्लेक्टर आदि वाहन के सही होने चाहिए और शीशे पर वाइपर भी सही हालत में हों। इससे चालक को आगे शीशा साफ होने पर दूश्यता बढ़ेगी,जो वाहन को सुरक्षित चलाने में सहायक साबित होंगी। कोहरे के दौरान चालक लाइट जलाकर ही चले, खासकर सुबह और रात के समय।

-मोहन लाल, बस चालक

-------------------------------

कोहरे के मौसम से पहले ही चालकों को सतर्क हो जाना चाहिए। इससे पहले अपने वाहनों की हेडलाइट, बैक लाइट और रिफ्लेक्टर आदि चालक सही करा ले ताकि समय पर सुरक्षित वाहन चलाने के लिए प्रबंध किए जा सके। सबसे अहम कोहरे के दौरान चालक अपने वाहनों को गलत दिशा में न दौड़ाए, इस पर अमल न करने से हादसे की आशंका बनी रहती है। चालकों को अपनी आंखों की जांच भी करा लेनी चाहिए,क्योंकि इस कोहरे में मार्ग पर दृश्यता कम हो जाती है। जिससे सामने या आगे जा रहे वाहनों को देखने में अनुमान कई बार गलत भी हो जाता है। इसलिए सतर्कता बरतें और खुद सुरक्षित रहने के साथ-साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखने में सहयोग करें।

-डॉ. आरके थापा, आरटीओ कठुआ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.