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श्रीराम की अयोध्या वापसी व राजतिलक पर माहौल हुआ भक्तिमय

संवाद सहयोगी बसोहली रामलीला मंचन के अंतिम दिन राम द्वारा रावण का वध रावण मेघनाद कुंभकर्ण क

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 12:42 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:11 AM (IST)
श्रीराम की अयोध्या वापसी व राजतिलक पर माहौल हुआ भक्तिमय
श्रीराम की अयोध्या वापसी व राजतिलक पर माहौल हुआ भक्तिमय

संवाद सहयोगी, बसोहली: रामलीला मंचन के अंतिम दिन राम द्वारा रावण का वध, रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण के पुतलों को जलाना और राम की अयोध्या वापसी पर राज तिलक मुख्य आकर्षण रहा।

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रविवार देर रात रामलीला में रावण को हार के भय को लेकर जीत सुनिश्चित करनी थी, इसके लिए उसने एहीरावण से सहायता मागी। एहीरावण ने शक्ति का प्रयोग कर राम लक्षमण को पाताल लोक में ले गए और सारी राम सेना को बेसुध कर दिया। जैसे हनुमान, विभीषण एवं अन्य को होश आया तो अपने बीच में राम लक्ष्मण को न पाकर बेचेन हुए। विभीषण ने बताया कि ऐसा काम केवल एहीरावण ही कर सकता है, इस पर हनुमान पाताल लोक में गए और वहा पर एहीरावण के महल के बाहर खड़े मंत्री से पूछा कि राम लक्षमण को उठाकर यही लाया है क्या तो इस पर मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया और परिचय पूछा, इस पर मंत्री मकरध्वज ने बताया कि वह हनुमान का पुत्र है। इस पर हनुमान ने जवाब दिया कि वह तो ब्रह्मचारी हैं, ऐसे में उनका पुत्र कैसे हो सकता है तो बताया कि एक बार समुद्र पार आप जा रहे थे तो आप के पसीने कुछ बूंदे पानी में गिरी जिन्हें उनकी मा ने पी लिया।

मंत्री ने अपना काम किया और हनुमान ने मकरध्वज को बाध दिया। इसके बाद एहीरावण के चुंगल से राम लक्ष्मण को छुडाया जो दोनों की बलि देने के लिए पूजा कर रहा था। इसके बाद एहीरावण का वध हुआ और वापस सब लंका पहुंचे। लंका पहुंचते ही रावण का वध किया गया। मृत्यु शेय्या पर लेटे रावण से राम ने लक्ष्मण को शिक्षा लेने को कहा। रावण ने बताया कि किसी पराई स्त्री को देखना भी नहीं चाहिए, मैंने तो घोर पाप किया, मैं सीता को उठा कर ले आया। और बंदी बना कर रखा, जिससे आज मेरा कुल का नाश हुआ। राम ने कहा कि रावण आप चारों वेदों के ज्ञाता हो, अगर चाहो तो मैं तुम्हें फिर से जीवित कर सकता हूं। इस पर रावण ने कहा कि मुझे मालूम था कि आप यही कहोगे, राम जीत तो फिर भी मेरी हुई जिस मौत को पाने के लिये ऋषी पूरी उम्र तपस्या करते हैं, मुझे मिल रही है, मेरा कुल मेरे पुत्र पोत्र, भाई बहन सब आप के हाथों मारे गए और सब को बैकुण्ठ की प्राप्ति हो रही है, इससे बड़ी मृत्यु और क्या चाहिए। इसके बाद सीता की अग्नि परीक्षा ली गई और अयोध्या में गए, यहा पर राम के आने पर पूरे कस्बे को सजाया गया था और उन का राज तिलक किया गया। राज तिलक की झाकी के साथ बसोहली रामलीला संपन्न हो गई।

उधर, रामलीला संपन्न होने पर कमेटी प्रधान चंद्र शेखर बसोत्रा ने दैनिक जागरण समाचार पत्र का विशेष कवरेज के लिए आभार जताया। इस अवसर पर उन्होंने एडीसी तिलक राज थापा का भी आभार जताया, जिन्होंने रामलीला मंचन में पूरा सहयोग दिया। युवाओं का भी आभार जताया, जिनके प्रयास से स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर हर दर्शक तक पहुंचा। इसके अलावा बिजली, पानी, म्यूनिसिपल कमेटी बसोहली के सफाई कर्मचारियों, बीएमओ बसोहली अनुराधा केरनी का भी आभार जताया। मुस्लिम समुदाय से तारिक जावेद अंसारी, शिव पाधा गुरू का जिन्होंने रामलीला में साउंड सिस्टम, कैलाश मेहरा का लाइटिंग सिस्टम को चलाने पर आभार जताया गया। इसके अलावा बेहतर सुरक्षा प्रबंध करने के लिए एसडीपीओ विक्रम बाहु व एसएचओ अश्विनी कुमार का आभार जताया। इसके अलावा रामलीला क्लब के डायरेक्टर सुभाष फंदा, केवल कृष्ण पाधा, राजेश बाली, अनुराग कौशल, सरपरस्त सुदर्शन चौहान, उप प्रधान वेद फंदा आदि का भी आभार जताया, जिनके प्रयास से 10 दिनों तक चली रामलीला में किसी प्रकार का विघ्न नहीं आया।


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