शाहरा माश्का सड़क निर्माण में घटिया सामान लगाने का आरोप
इस्तेमाल सड़क किनारे से रेत बजरी को इकट्ठा कर बनाई जा रही सड़क की नालियां व दिवारें
इस्तेमाल सड़क किनारे से रेत बजरी को इकट्ठा कर बनाई जा रही सड़क की नालियां व दिवारें, क्रेशर से लाया जाये सामान, एईई ने कहा निराधार है आरोप
संवाद सहयोगी, बसोहली : कई सालों का अंधेरा समाप्त होने पर शाहरा माश्का सड़क को नए सिरे से बनाने के लिए एक रोशनी की किरण एनएचपीसी द्वारा हाथ खड़े करने और प्रधानमंत्री सड़क योजना द्वारा सड़क को बनाए जाने का काम शुरू करने से मिली मगर यह रोशनी फिर से सवालों में खड़ी हो गई है। शाहरा माश्का 19 किलोमीटर सड़क बनाने के काम में लगाया जा रहा सामान घटिया होने का लोगों ने आरोप लगाया है। स्थानीय निवासियों दलजीत सिंह, विरेंद्र सिंह, सुधीर सिंह, सुरेश सिंह, देव राज, पुरुषोत्तम वर्मा, सतीश वर्मा एवं कांग्रेस के ब्लॉक प्रधान राजेश्वर सिंह ने लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शाहरा माश्का सड़क का काम कर रही गुप्ता एंड कंपनी राजस्थान द्वारा नदी नालों से रेत बजरी और कंकड़ आदि सामान को लाया जा रहा है और निर्माण में लगाया जा रहा है।
वहीं एईई प्रधानमंत्री सड़क योजना का कहना है कि आरोप निराधार हैं। उनकी मानें तो सरकार का यह नियम है कि सारा सामान निकटवर्ती क्रेशर से मंगवाना होता है मगर कंपनी अपनी मनमर्जी से सड़क में घटिया सामान लगा रही है जिससे सड़क आने वाले समय में जल्दी ही खराब हो सकती है और लोगों को फिर से कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उनका कहना है कि सरकार से सांसद से और कई बार जिला अधिकारियों से मांग करके इस सड़क को प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत इस लिए रखवाया गया कि सड़क की हालत में सुधार होगा और यह 12 माह सड़क चलने के काबिल होगी। कंपनी द्वारा घटिया सामान इस्तेमाल करने से उनका भविष्य खराब हो जाएगा। उन्होंने बताया कि 80 के दशक में इस सड़क को पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन पीडीसी ने बनाया और उस समय में भी घटिया सामान इस्तेमाल हुआ जिस कारण लोग आज तक सजा भुगत रहे हैं। इसके बाद 2002 में इसे एनएचपीसी को दिया गया और एनएचपीसी ने एक बार केवल औपचारिकता पूरी करते हुए तारकोल बिछाया जिसका टेंडर ही बहुत कम पैसों में दिया गया था। अब खूब सारे पैसे 20 करोड़ रुपये के लगभग कंपनी को मिलने जा रहे हैं अगर यह भी घटिया सामान इस्तेमाल करेगी तो लोगों को सड़क पर आने को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने पीएमजीएसवाई विभाग से सामान की जांच करने की मांग की है और अच्छे क्वालिटी के सामान को ही इस्तेमाल करने की गुहार लगाई है।
कोट----
ऐसा कुछ नहीं है। मैं खुद मौके पर अकसर आता रहता हूं। जो रेत बजरी लोग देख रहे हैं वह सोलिंग के लिए इस्तेमाल की जा रही है। फिर भी इस बात का संज्ञान लेंगे कि घटिया सामान न लगे। लोगों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम सड़क को छह माह में तारकोल बिछाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। अगर लोग इस तरह से आरोप लगाएंगे तो काम में विघ्न पड़ेगा। धार महानपुर सड़क भी तो हमारे द्वारा बनाई जा रही है वहां पर लोग पूरा सहयोग दे रहे हैं।
-एईई पीएमजीएसवाई राजेश