बीमारों का सहारा बनी पालकी, ढाई माह से सड़क बंद
संवाद सहयोगी, बसोहली : पिछले ढाई माह से क्षेत्र के दूरदराज के गांवों का आमजन जीवन अस्त-व्यस्त होकर र
संवाद सहयोगी, बसोहली : पिछले ढाई माह से क्षेत्र के दूरदराज के गांवों का आमजन जीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है। एक बार फिर से उन्हें ऐसा लग रहा है कि जैसे उन्होंने कभी गाड़ी देखी नहीं और न ही गांव में आने का इसका प्रयोग किया। इन दिनों क्षेत्र के बीमार लोगों के लिए पालकी एक बहुत बड़ा साधन बन कर रह गया है। युवाओं एवं बीमार के घर के लोग इकट्ठा होकर पालकी को उठाते हैं और रोगी को जंदरैली 8 से 10 किलोमीटर पालकी मेंलाने को विवश हैं। बरसात के इन दिनों में अगर कोई बीमार हो जाता है तो गांव वालों की जान पर आ बनती है कि उसे निकटवर्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक कैसे पहुंचाया जाएगा। स्थानीय निवासियों का उपमंडल प्रशासन एवं संबंधित विभाग के खिलाफ रोष व्याप्त है कि दूर दराज के गांवों को जाने वाली एक मात्र सड़क पिछले ढाई माह से बंद पड़ी हुई है और सड़क को साफ करने के लिए कोई कार्रवाई तो दूर इसका जायजा लेने भी नहीं आया। ग्रामीणों ने बताया कि हर रोज कोई बीमार होता है और हर रोज पालकी को लेकर जंदरैली तक आना मजबूरी बन गया है। उन्होंने बताया कि अगर एक सप्ताह में सड़क को साफ करने के लिए विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो उन्हें सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।