स्कूल बना शराबखाना
शाम ढलते ही शराब खाना बन जाता है स्कूल, एकांत में स्कूल के होने एवं हैंडपंप की सुविधा
शाम ढलते ही शराब खाना बन जाता है स्कूल, एकांत में स्कूल के होने एवं हैंडपंप की सुविधा का लाभ उठाते हैं शराबी
संवाद सहयोगी, बसोहली: नगरोटा पलाख सड़क पर मारता गांव में स्थित प्राइमरी स्कूल मारता शाम ढलते ही शराब खाने में तब्दील हो जाता है। यहां पर शराब पीने वाले शराबियों के लिये सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। बैठने को पक्का बरामदा है, पानी की सुविधा हैंडपंप है और सबसे जरूरी एकांत भी है। शाम ढलते नगरोटा से पलाख की और जाने वाले शराबी इस स्कूल की शरण कुछ पल के लिये लेते हैं और अपने मजे कर वहां पर गंदगी डालकर चले जाते हैं। मारता गांव के निवासियों ने नाम न छापने की तर्ज पर बताया कि हैंडपंप पर अकसर शाम को महिलाएं पानी लेने जाती हैं अगर वहां पर कोई टोली दिखे तो वे वापिस आ जाती हैं। कई बार उनके जाने का घंटों इंतजार करना पड़ता है। वहीं हर रोज सुबह स्कूली बच्चों को अपने स्कूल के प्रांगण की सफाई करनी पड़ती है। शराब की बोतलें, खाने की सामग्री के पैकेट एवं मास के टुकड़े अकसर सुबह साफ करना बच्चों एवं शिक्षकों की मजबूरी बन गई है। उन्होंने बताया कि यहां स्कूल परिसर में शराब पीने से बच्चों पर बूरा प्रभाव पड़ रहा है और ऐसा अगर चलता रहा तो किसी दिन बच्चे इन्हीं बोतलों में पड़ी बूंदों का सेवन भी कर सकते हैं जिससे आने वाली पीढि़ के स्वास्थ्य पर बूरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई कि इस और भी चक्कर लगाया जाए ताकि शराबी लोगों में भय बना रहे और स्कूल में शराब का सेवन बंद हो सके।
स्कूल की चारदिवारी के लिए फंड उपलब्ध होंगे तो स्कूल सुरक्षित हो जाएगा।
-जेडइओ अयूब बट्ट