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नियम बने बाधा, सीमा पर ही मिली भाइयों को बहनों की प्रीत

जागरण संवाददाता कठुआ प्रदेश में कोरोना की वजह से लगी पाबंदियों के बाद भी भाइयों को बहनों

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 12:50 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 12:50 AM (IST)
नियम बने बाधा, सीमा पर ही मिली भाइयों को बहनों की प्रीत
नियम बने बाधा, सीमा पर ही मिली भाइयों को बहनों की प्रीत

जागरण संवाददाता, कठुआ: प्रदेश में कोरोना की वजह से लगी पाबंदियों के बाद भी भाइयों को बहनों का प्यार मिल ही गया, क्योंकि सोमवार को रक्षाबंधन पर पंजाब- जम्मू-कश्मीर बॉर्डर किड़िया गंडयाल व लखनपुर इसका गवाह बना। यहां पर जम्मू और पठानकोट क्षेत्र की बहनों और भाइयों ने आकर रक्षाबंधन मनाया।

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बहनों ने प्रवेश की पाबंदी को दरकिनार कर भाइयों की कलाई पर राखियां सजाई। स्थानीय प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद काफी तादाद में बहनें व भाई लखनपुर सीमा पर पहुंचे थे। यह पहला अवसर है जब बहनों ने भाइयों को राष्ट्रीय मार्ग पर रही राखी बांधी हो। सुबह 6 बजे से ही यहां भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। कई बहनें क्वारंटाइन होने की बात सुनकर ही वापस अपने घरों को लौट गई। सुरक्षा कर्मियों ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी, लेकिन रक्षाबंधन होने पर पुल पर ही भाइयों और बहनों को मिलने दिया। महिलाओं ने सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए कहा कि सरकार को कुछ घंटे तक छूट का अवसर देनी चाहिए थी।

पंजाब से सटे किड़ियां गंडयाल से लेकर लखनपुर सीमा तक कठुआ पुलिस ने पंजाब या अन्य राज्यों से जम्मू कश्मीर में आने वाले लोगों को बिना क्वारंटाइन किए इंटर स्टेट गतिविधि की अनुमति नहीं दी। इसके कारण पंजाब व अन्य राज्यों में ब्याही जम्मू कश्मीर की महिलाओं को किड़ियां गंडयाल मार्ग से कठुआ जिले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली, लेकिन स्नेह की डोर का ये पवित्र रिश्ता बहनों के लिए काफी महत्ता रखता है, जिसे वे हर हाल में निभाती हैं। इसी के चलते बहनों को इस बार रक्षाबंधन के मौके पर पुलिस या प्रशासन द्वारा ढील देने की उम्मीद थी। इसी उम्मीद में बड़ी संख्या में महिलाएं पंजाब से कठुआ की ओर और कठुआ से पंजाब की ओर भाइयों को राखी बांधने घरों से निकल गईं, लेकिन जब पंजाब की जम्मू कश्मीर के साथ लगती सीमा खासकर किड़ियां गंडयाल या नगरी टोल प्लाजा के मार्ग पर पहुंची तो पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी। हालांकि, काफी देर तक बहने पुलिस को उनके कठुआ स्थित भाई को राखी बांधने के लिए जाने की अनुमति के लिए गुहार लगाते रहीं, लेकिन पुलिस ने एसओपी का हवाला देकर उन्हें अनुमति नहीं दी। इसके कारण बहनों ने भी भाइयों को वहीं किड़ियां गंडयाल सीमा पर ही बुला लिया और वहीं पर राखी बांध कर वापस घरों को लौट गई। इससे सड़क पर ही रक्षा बंधन का त्योहार पूर्व में लखनपुर की तरह मैरिज जंक्शन जैसा बना रहा। पुलिस ने भी वहां पर कुर्सी का प्रबंध कर भाई बहनों के लिए बैठने का प्रबंध किया, जिससे भाई-बहन कुर्सी पर बैठकर वहीं पर राखी का त्योहार मनाया।

उधर, यही नजारा प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार लखनपुर में दिखा। वहां पर भी पुलिस पंजाब की बहनों को जम्मू कश्मीर में राखी के लिए प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी, जिसके चलते लखनुपर व पंजाब की सीमा के बीच ही भाई बहनों को बार्डर पर पहुंच कर राखी के बंधन को निभाया। थाना प्रभारी संजीव चिब ने बताया कि कठुआ से पंजाब को जाने की अनुमति थी, लेकिन पंजाब से कठुआ आने की अनुमति नहीं दी गई। बड़ी संख्या में दोनों ओर से भाई बहन सीमा पर पहुंचे और वहीं रक्षाबंधन को निभाया।


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