आश्वासन तो खूब मिले, लेकिन नहीं बना कूट का पुल
संवाद सहयोगी बिलावर चाहे विकास के लाख वादे किए जाएं जिसके लिए पंचायती राज व्यवस्था को 3 टियर
संवाद सहयोगी, बिलावर : चाहे विकास के लाख वादे किए जाएं, जिसके लिए पंचायती राज व्यवस्था को 3 टियर बनाते हुए पंचायतों, ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल हो या फिर जिला विकास परिषद के गठन के लिए इन दिनों चुनावी सरगर्मी तेज हो, लेकिन जनहित की योजनाओं को पूरा करने में अधिकारियों की उदासीनता से लोगों में रोष है। पहाड़ी क्षेत्रों की जनता का कहना है कि राजनीतिक दलों के लिए वे लोग सिर्फ वोट बैंक मात्र हैं। उनका काम सिर्फ वोट देने तक ही सीमित होता है। चुनाव खत्म होने के बाद उनकी सुध लेने तक का समय राजनेताओं के पास नहीं रहता। लोग सड़कों के लिए तरस रहे हैं, पीने का पानी नहीं है। बच्चों को पढ़ने के लिए हाई स्कूल नहीं है। चिकित्सा संबंधी समस्याएं हों या फिर बिजली की समस्या। हर सुविधाओं से लोग वंचित हैं।
इसका उदाहरण है अप्पर धार डूगनु पंचायत के वार्ड एक कमाना कूट में नाले के ऊपर बना पुल। लोग जान जोखिम में डालकर इस पर सफर करने को मजबूर है। बरसात के दिन में जब नाले में पानी का बहाव तेज हो जाता है, तो उस पर गुजरना खतरा रहता है। छोटे बच्चे ही नहीं बुजुर्ग या बीमार लोगों को पुल पार करने में काफी समस्या आती है। कई बार सरकार को नाले के ऊपर पुल बनाने कि गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। इससे इस खस्ताहाल पुल से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यह बातें हंसराज, रजत, नीलम सिंह, जरनेल सिंह आदि ने बताई। उन्होंने कहा कि कई बार पुल बनाने के लिए कहा है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग कई बार इस पुल की मरम्मत चंदा इकट्ठा कर अपने पैसे से कर चुके हैं। लोग स्वयं भी करवा चुके हैं मरम्मत
4 वर्ष पूर्व भी पुल का निर्माण लोगों के सहयोग से किया गया था। इन दिनों लकड़ी के इस पुल की हालत जर्जर हो गई है। इस पुल से होकर लोग बनी विधानसभा क्षेत्र के गौडल, नगाली, धार महानपुर क्षेत्र के लोग आते-जाते हैं। हर दिन इस जर्जर पुल से करीब 1000 लोग होकर गुजरते हैं। बिलावर की तरफ जाना हो तो इसी पुल से होकर जाना पड़ता है।
उन्होंने कहा के कई बार जनप्रतिनिधियों ने पुल के निर्माण के आश्वासन दिए, लेकिन किसी ने भी इस पुल का निर्माण करने की जहमत नहीं उठाई हैं। क्षेत्रवासियों ने बताया कि चुनाव के समय कई बार पुल के निर्माण के वादे किए गए जो आज तक पूरे नहीं हुए। लोगों ने माग की है कि जल्द से जल्द पुल का निर्माण किया जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर इसी प्रकार उन लोगों की उपेक्षा होती रही तो वह लोग जिला विकास परिषद के चुनाव का बहिष्कार करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।