मालिकाना भूमि को रेवेन्यू रिकॉर्ड में तालाब घोषित करना गलत
-जिला प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में पूर्व मंत्री बाबू सिंह का धरना दूसरे दिन भी जारी -कहा,रेवे
-जिला प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में पूर्व मंत्री बाबू सिंह का धरना दूसरे दिन भी जारी
-कहा,रेवेन्यू रिकॉर्ड में फिर से भूमि उनके नाम किए जाने की मांग को लेकर जारी रहेगा संघर्ष
फोटो सहित-8
जागरण संवाददाता, कठुआ : शहर के कॉलेज रोड पर इंदिरा कॉलोनी के पास खाली पड़ी भूमि को जिला प्रशासन द्वारा रेवेन्यू रिकॉर्ड में तालाब घोषित किए जाने के विरोध में पूर्व मंत्री बाबू सिंह का अपने समर्थकों सहित धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। धरने पर बैठे बाबू सिंह व उनके समर्थकों ने फिर कहा कि उक्त भूमि तालाब की नहीं बल्कि उनकी मालिकाना है, इसलिए जब तक जिला प्रशासन उनकी भूमि को फिर से रेवेन्यू रिकॉर्ड में उनके नाम नहीं करता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। बाबू सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन ने उनकी मालिकाना भूमि को तालाब घोषित करके गलत किया है, क्योंकि उक्त भूमि विगत 1999 से रेवेन्यू रिकॉर्ड में उनकी पत्नी के नाम मालिकाना दर्ज है। जिसका इंतकाल होने के बाद कोर्ट में भी पंजीकरण हुआ है। ऐसे में उस समय अगर भूमि रेवेन्यू रिकॉर्ड में तालाब की होती तो रेवेन्यू रिकॉर्ड में भी उनके नाम मालिकाना दर्ज नहीं होती। अगर उस समय के अधिकारियों ने तालाब की भूमि को उनके नाम किया है तो इसके लिए रेवेन्यू अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनसे पूछताछ की जाए और जांच कर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी लेकिन इन सबसे पहले जिला प्रशासन ने उनका मालिकाना हक को रद कर उसे फिर से तालाब की भूमि घोषित कर गलत किया। इससे वो प्रताड़ित हुए हैं और उनकी छवि को खराब करने का प्रयास किया है। बाबू सिंह ने दावा किया कि उक्त भूमि तालाब की है ही नहीं थी, तभी उनके नाम हुई है। इसलिए जिला प्रशासन उनकी मालिकाना हक को फिर रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करें। अगर ऐसे नहीं किया जाता है तो उनका संघर्ष जारी रहेगा। बाबू सिंह ने जिला प्रशासन के कालीबड़ी स्थित तालाब की भूमि को पार्क बनाने पर भी सवाल उठाए। धरने में बाबू सिंह के साथ राजेंद्र खजूरिया, सोम नाथ शर्मा, रूप लाल आदि शामिल रहे।