मोदी तेरे राज में बच्चे भूखे सोते हैं
-कहा, पांच साल से पापा को वेतन न मिलने पर उन्हें मजबूरी में मांगनी पड़ रही है भीख - वेतन सहित अन्य
-कहा, पांच साल से पापा को वेतन न मिलने पर उन्हें मजबूरी में मांगनी पड़ रही है भीख
- वेतन सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर हड़ताली पीएचई कर्मी मौजूदा सरकार के खिलाफ लामबंद, शहर में फिर निकाली रोष रैली
- फोटो सहित-11,12
जागरण संवाददाता, कठुआ :
पीएचई विभाग के अस्थायी कर्मियों ने पांच साल से लंबित वेतन न मिलने पर शुक्रवार एक बार फिर मौजूदा सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए परिवार के बच्चों एंव महिलाओं के साथ शहर में रैली निकाली। रैली के दौरान कर्मियों के बच्चों ने कटोरा लेकर शहर के मुख्य बाजार के दुकानदारों से पापा को वेतन न मिलने पर भीख मागी। इस दौरान इस दौरान पीएचई विभाग के आदोलन कर रहे अस्थायी कर्मियों ने मौजूदा सरकार और भाजपा के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। जिसमें मोदी तेरे राज में बच्चे भूखे सोते हैं, के नारे लगाए। शहर के मुख्य बाजार में गुजरते हुए कर्मियों के बच्चों को कटोरा लेकर भीख मांगते देख सबकी नजरें उन पर ठहर गईं। हर कोई इन बच्चों की मजबूरी और मासूमियत को लेकर उनके द्वारा भीख मांगने के तरीके से हैरान रह गया। इनके साथ उनके परिवार के सदस्य भी भाजपा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए जम्मू कश्मीर सरकार को भी कोस रहे थे। पीएचई के स्थायी कर्मियों को पिछले 55 महीने से वेतन नहीं मिला है और तब से वे काम छोड़ हड़ताल पर हैं। इस दौरान एक भी बार सरकार या किसी जनप्रतिनिधि ने उनसे बातचीत कर उन्हें पेश आ रही समस्याओं का समाधान करने का प्रयास नहीं किया। जिससे कर्मियों में दिन व दिन सरकार के खिलाफ रोष बढ़ता गया। जिसके चलते अब वो चुनाव के दौरान सरकार की उनके प्रति लगातार दिखाई जा रही बेरुखी को जनता के बीच उजागर करने निकल गए हैं।
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पापा को वेतन नहीं मिला तो वो कैसे स्कूल में पढ़ाई कर पाएंगे
रोष रैली में शामिल बच्चों ने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार बड़े-बड़े विकास सहित अन्य समस्याओं का समाधान करने का दावा कर रही है,वहीं उनके परिजनों को पांच साल तक काम करने के बाद भी वेतन नहीं दिया गया। ऐसे में वो कैसे पढ़ाई कर पाएंगे। उनका भविष्य सरकार की बेरुखी से अंधकार में पड़ गया है। स्कूल में पहले से ही कई सालों की फीस लंबित है। एक महीने का जिस घर में वेतन न आए, वहां सारी व्यवस्था गड़बड़ा जाती है, जिनके घरों में 5 साल से वेतन न मिले, वहां क्या हाल होता होगा, सरकार ने कभी ऐसा सोचा? सरकार की उदासीनता के कारण ही उन्हें आज भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अब चुनाव के दौरान विभिन्न दलों द्वारा लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए जा रहे बड़े-बड़े दावे को लेकर उनमें और रोष उत्पन्न हो रहा है। इसी को देखते हुए उन्हें परिवार के सदस्यों के साथ रोष रैली निकाली है। आल जे एंड केपीएचई डेलीवेजर, इंप्रेस्ड, सीपी वर्कर्स लैंड डोनर्स एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं अस्थायी कर्मियों ने आरोप लगाया सरकार करी अनदेखी नीतियों के कारण उन्हें आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। एसोसिएशन के शिव नारायण सिंह ने कहा कि चुनाव के दौरान मौजूदा सरकार की छोटे कर्मचारी विरोधी नीति को आम जनता के समक्ष रखने में अब वो पीछे नहीं हटेंगे।
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जिले में 1600, संभाग में 23 हजार अस्थायी कर्मियों का पांच साल से लंबित है वेतन
जिला कठुआ में पिछले दो दशकों से 1600 के करीब कर्मी पीएचई विभाग को अस्थायी कर्मी के रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिन्हें आज तक ना तो विभाग ने स्थायी किया है और न ही पिछले 5 साल से होने वेतन जारी किया है। जिसके चलते पिछले सितंबर माह से कर्मी कामछोड़ हड़ताल पर हैं। कई बार धरने जुलूस आदि का आयोजन कर चुके हैं। जम्मू में भी सरकार के खिलाफ रैली आदि का आयोजन कर चुके हैं,लेकिन अभी तक न तो बकाया पांच साल का वेतन जारी किया गया और न ही उनकी मुख्य मांग उनकी सेवाएं स्थायी की गई।