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शहीदी चौक में सार्वजनिक शौचालय न होना शहर की बड़ी समस्या

जागरण संवाददाता, कठुआ : आज के युग में शौचालय पहली और सबसे बड़ी सुविधा बन चुकी है, वहीं सरकार भी इस सु

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 07:06 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 07:06 PM (IST)
शहीदी चौक में सार्वजनिक शौचालय न होना शहर की बड़ी समस्या
शहीदी चौक में सार्वजनिक शौचालय न होना शहर की बड़ी समस्या

जागरण संवाददाता, कठुआ : आज के युग में शौचालय पहली और सबसे बड़ी सुविधा बन चुकी है, वहीं सरकार भी इस सुविधा के लिए प्राथमिकता से कदम उठा रही है। जिसके कारण जगह-जगह शौचालयों का निर्माण हो रहा है, लेकिन

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शहर के प्रमुख एवं यातायात से व्यस्त शहीदी चौक में आज तक सार्वजनिक शौचालय की सुविधा नहीं है। जोकि इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है। जिसके समाधान के लिए अभी तक न तो प्रशासनिक तौर पर कोई प्रयास हुए हैं और न ही राजनीतिक प्रतिनिधियों की ओर से। हालांकि अब तो शहर में नई कमेटी भी गठित हो चुकी है। इसके चलते स्थानीय निवासियों को कुछ उम्मीद जगी है, लेकिन अभी तक उक्त सुविधा के लिए कोई योजना भविष्य में नगर परिषद के पास भी नहीं है। सार्वजनिक शौचालय के अभाव में जहां स्थानीय दुकानदारों को भारी परेशानी तो होती ही हैं, वहीं यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है। जिला प्रशासन एवं राजनीतिज्ञों के विकास के बड़े-बड़े दावों के बावजूद शहर का प्रमुख शहीदी चौक आज के दौर की मूल और पहली सुविधा से वंचित है। सबसे हैरानी इस बात की है कि जहां एक तरफ केंद्र सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर रही है और जगह-जगह सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय का निर्माण कराने में प्रयासरत है, लेकिन शहीदी चौक में उक्त सुविधा के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। जिला प्रशासन जहां एक तरफ जिला को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए अपने कदम तेजी से बढ़ा रहा है, ऐसे में शहीदी चौक में आज तक सार्वजनिक शौचालय की सुविधा के लिए प्रयास न होना दुर्भाग्य है।

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शहीदी चौक को छोड़ शहर के मुखर्जी चौक, डीसी आफिस के बाहर चौराहे पर, पारलीवंड ब स्टेंड, ओल्ड बस स्टेंड,कोर्ट रोड के सामने ओल्ड सब्जी मंडी, ड्रीमलैंड पार्क आदि सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत सुलभ शौचालय की सुविधा दी जा चुकी है। ऐसे में शहीदी चौक में सुविधा न होना शहर की सबसे बड़ी समस्या है।

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चार साल पूर्व जिला प्रशासन ने क्षेत्र की समस्या को देखते हुए शहीदी चौक में

फेब्रीकेटड शौचालय तैयार करा कर वहां इस्तेमाल के लिए स्थापित किया था,जो कि भीड़ से हर समय भरे रहने वाले चौक के लिए शोपीस साबित हुआ। उनका किसी ने इस्तेमाल भी नहीं किया है। अब वो वहां कचरा फेंकने के लिए डस्टबिन जैसा दिखता है। हालांकि इतने बड़े चौक और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में फेब्रीकेटड शौचालय एक खिलौने जैसा है।

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क्या कहते हैं स्थानीय

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शहर के विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाले अधिकारी एवं राजनीतिज्ञ इस मुख्य सार्वजनिकचौक पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण नहीं करा पाये है। ऐसे में उनसे और विकास की क्या उम्मीद की जा सकती है। अगर वो लोगों की समस्याओं के प्रति जरा भी गंभीर है तो सबसे पहले जहां शौचालय का निर्माण कराएं।

-शकील अहमद टोनी,

शहीदी चौक की सबसे बड़ी समस्या सार्वजनिक शौचालय न होना है। इसके अभाव में जहां स्थानीय दुकानदारों को तो असुविधा होती है,लेकिन यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। इस समस्या अब जल्द समाधान होना चाहिए।

-बाबू राम भक्त

अगर पूर्व अधिकारियों एवं राजनीतिज्ञों ने शहर की बड़ी समस्या के समाधान में अनदेखी की है तो इसका मतलब ये नहीं कि मौजूदा अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि भी इसे गंभीरता न लें। जिला में इस समय सक्रिय प्रशासनिक अधिकारी एवं नप इसे प्राथमिकता से लेकर सुविधा दें। स्थानीय दुकानदारों से ज्यादा जहां महिला यात्रियों एवं राहगीरों को भारी परेशानी होती है।

-राकेश कुमार

जहां एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत जगह-जगह शौचालयों का निर्माण करा रही है,वहीं इस मुख्य चौराहों को अभी तक इससे वंचित रखा गया है,ऐसे में मिशन के कोई मायने नहीं है, स्थानीय दुकानदारों के अलावा वाहनों में सवार यात्रियों को तो और भी असुविधा झेलनी पड़ती है।

-हरीश चंद्र

जहां आए दिन चुने गए प्रतिनिधि शहर के विकास के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते थकते नहीं है, लेकिन इस चौक में पहली और मूल सुविधा प्रदान करने में सफल नहीं हो पाए हैं। अगर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं हो पा रहा है तो दूसरा विकास इसके आगे नाकाफी है,नव गठित परिषद को सबसे पहले इस सुविधा को प्रदान करने के लिए प्रयास करने चाहिए। -प्रदीप गुप्ता,

इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि शहर के विकास के लिए करोड़ों की परियोजनाएं लागू हो रही हैं। जिनके निर्माण भी किए जा रहे हैं ताकि कठुआ विकसित दिखे,लेकिन अगर मूल सुविधा का ही शहर में अभाव रहेगा तो करोड़ों की परियोजनाएं बेकार साबित होंगी। सबसे पहले मूल सुविधा शौचालय का शहीदी चौक में निर्माण हो। जहां पर शौचालय सुविधा न होना दुकानदारों एवं राहगीरों के लिए सबसे बड़ी समस्या बनी है।

-केवल कृष्ण

शहर के शहीदी चौक में सार्वजनिक शौचालय की सुविधा जरूरी है। इसके अभाव में लोग परेशान होते हैं। इस सुविधा के लिए जल्द ही डीसी कठुआ से मिलेंगे ताकि जहां सार्वजनिक शौचालय बनाया जा सके,हालांकि वहां इसके लिए जगह उपलब्ध नहीं होना मुख्य कारण है। अगर वहां प्रशासन जगह उपलब्ध कराता है,तो नगर परिषद भी वहां शौचालय का निर्माण करा सकती है।

-नरेश शर्मा


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