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जिले भर में मनाया नागपंचमी का पर्व

जागरण संवाददाता, कठुआ : जिला भर में नागपंचमी का पर्व धार्मिक श्रद्धा से मनाया गया। इस उपलक्ष्य में ज

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 06:19 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 06:19 PM (IST)
जिले भर में मनाया नागपंचमी का पर्व
जिले भर में मनाया नागपंचमी का पर्व

जागरण संवाददाता, कठुआ : जिला भर में नागपंचमी का पर्व धार्मिक श्रद्धा से मनाया गया। इस उपलक्ष्य में जहां घर-घर में नाग देवता की धार्मिक विधि से पूजा हुई, वहीं सार्वजनिक मंदिरों में नागदेवता की पूजा को लेकर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। शहर के वार्ड 10 में विचार वाटिका स्थित बाबा सुरगल देव स्थान पर नाग देवता को दूध चढ़ाने को लेकर सुबह से दोपहर तक श्रद्धालुओं की भीड़ रही। श्रद्धालु लाइन में अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। बच्चों से लेकर हर वर्ग में नाग देवता को दूध चढ़ाने को लेकर अपार आस्था दिखी। इसी उपलक्ष्य में देव स्थान पर हर वर्ष की तरह इस बार भी पारंपरिक मेला भी लगा। जहां सुबह से शाम तक भीड़ उमड़ी रही। मेले में आए श्रद्धालुओं एवं स्थानीय निवासियों ने पारंपरिक खरीदारी की। मेले के चलते पूरा दिन वार्ड में चहल-पहल रही। वहीं जिला में नागपंचमी को लेकर चारों ओर धार्मिक उल्लास का माहौल रहा। प्रत्येक हिंदू परिवार के घरों में भी नाग देवता की पूजा हुई। इसकी शुरुआत सुबह से ही नाग देवता को दूध चढ़ाने के साथ हुई और उसके बाद पारंपरिक पकवान तैयार कर सर्वप्रथम नाग देवता को भोग लगाया गया। कई स्थानों पर बने नाग देवताओं के मंदिरों में भी विशेष पूजा हुई। जिसमें बुआ दी बाई, डिंगा अंब आदि स्थानों में विशेष पूजा में लोगों ने सामूहिक रूप से भाग लिया और जगह-जगह बने बरम में दूध चढ़ाया। हिंदू संस्कृति में नागपंचमी का पर्व काफी धार्मिक महत्ता रखता है। जिसे एक पर्व की तरह मनाया जाता है। इसमें स्वच्छता को प्राथमिकता दी जाती है। उधर हीरानगर में भी नागपंचमी पर विभिन्न गांवों में नाग देवता की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान करोल कृष्ण, सन्याल, गुज्जर चक, चक चंगा में भंडारे का आयोजन किया गया। विशेष कर घरों में लोगों ने नाग देवता का पूजन कर परिवार की सुख शान्ति के लिए मन्नत मागी।

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रामकोट के कई गांवों में हुए भंडारे

रामकोट : तहसील भर के विभिन्न गावों में लोगों ने घरों में नागों की पूजा की उनको प्रसाद चढ़ाया और परिवार की सुख शाति की कामना की। लोगों ने घी, माखन, दही, गुड़ और दूध से नागों को नहलाया, खीर, मेहरी, कुंगनियां, द्रोपड़ें आदि के पकवान चढ़ाए, धूप दीप जलाए, पूजा और प्रार्थना की।

धार्मिक मान्यता के अनुसार नाग शिवजी का रूप हैं और भाद्रपद की पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से सापों ओर बिच्छुओं से परिवार और मवेशी सुरक्षित रहते हैं।

इसी उपलक्ष्य में हर साल की तरह इस साल भी कई जगह पर भंडारे आयोजित हुए। कस्बा के वार्ड नंबर 2 और वार्ड नंबर 5 बस स्टैंड के पास विशाल भंडारे का आयोजन हुआ। वहीं मकवाल के मुहल्ला चौगान, अमूवाला आदि कई जगह नाग स्थानों पर विशाल भंडारे का आयोजन हुआ। जिनमे हजारों श्रद्धालुओं ने माथा टेका और प्रसाद ग्रहण किया।


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