बंदरों से निजात दिलाने को व्यापार मंडल प्रधान करेगा पहल
संवाद सहयोगी, बसोहली : कस्बे में बंदरों के बढ़ते हमलों और आम आदमी का सामान लेकर घर तक पहुंचना मुश्कि
संवाद सहयोगी, बसोहली : कस्बे में बंदरों के बढ़ते हमलों और आम आदमी का सामान लेकर घर तक पहुंचना मुश्किल होने के कारण व्यापार मंडल प्रधान अनिल पाधा ने पहल करने की घोषणा की। उन्होंने विशेष भेंटवार्ता में बताया कि राज्य सरकार ने बसोहली वासियों को कुछ दिया जा नहीं मगर बंदरों से आजादी दिलाने के लिए कुछ नहीं किया। कई बार कई मंचों पर स्थानीय निवासियों के अलावा बसोहली विधानसभा क्षेत्र के लोग बंदरों को खदेड़ने के लिए कार्रवाई करने की गुहार लगा चुके हैं मगर सरकार, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों ने इसके प्रति कोई कार्रवाई नहीं की, जिसका परिणाम है कि आज बसोहली वासी अपने कस्बे में ही सुरक्षित नहीं हैं। कोई सामान लेकर बाजार से घर अगर सुरक्षित पहुंच जाता है तो वे अपने आप को भाग्यशाली समझता है। बच्चे स्कूल जाते हैं तो अभिभावकों की देखरेख में आते भी इसी प्रकार से हैं। सुबह शाम रामलीला मैदान, बाजार, गलियों, घरों में बंदरों की फौज हर समय महिलाओं और बच्चों पर झपटा मारने को तैयार रहती है। गलियों में बंदर, बस अड्डे पर बंदर, स्कूलों में बंदर बच्चों के टिफन ले जा रहे हैं। घरों से सामान के अलावा अब धो कर सूखने को डाले गए कपड़े भी फाड़ रहे हैं। हर रोज बसोहली वासियों का नुकसान हो रहा है और कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने बताया कि निकाय चुनाव के बाद वह अपने साथ कुछ युवाओं को जोड़ कर हर घर से कम से कम एक हजार रुपये लेंगे और किसी निजी बंदर पकड़ने वाली टीम को बसोहली में आमंत्रित किया जाएगा। कस्बे को बंदर मुक्त बनाने का इससे बड़ा कोई और फार्मूला नहीं हो सकता है। उन्होंने स्थानीय निवासियों से निकाय चुनाव के बाद तैयार रहने को कहा।