आम के फल को लगी ब्लैक टिप बीमारी
संवाद सहयोगी, हीरानगर : आम की बागबानी करने वाले किसानों को पहले आधी के साथ-साथ ब्लैक टिप नामक बीमार
संवाद सहयोगी, हीरानगर : आम की बागबानी करने वाले किसानों को पहले आधी के साथ-साथ ब्लैक टिप नामक बीमारी के कारण फलों के गिरने से इस बार काफी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बागवानी में आम के फल को भी इसमें शामिल किया गया है लेकिन विभाग की तरफ से अभी तक हीरानगर सब-डिवीजन में बीमा कंपनी ने कहीं भी आम के बागों को इसमें शामिल नहीं किया है। किसान मदन लाल, पुरुषोत्तम लाल, बलकार चंद, दर्शन लाल, सुख राम, का कहना है कि कंडी व मैदानी क्षेत्रों में आधी से इस बार काफी नुकसान हुआ है। जो फल बचा है वो भी ब्लैक टिप नामक बीमारी की चपेट में आ गया। फल को पहली काला दाग बनता है। उसके बाद फल गिर जाता है। जो खाने के काबिल नहीं रहता। वहीं कंडी क्षेत्र में बंदर भी काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों का कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण आम की बागबानी करने वालों को भी नुकसान पहुंचता है। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा में आम के पेड़ों को शामिल किया है लेकिन 2015 से योजना लागू होने के बावजूद भी किसान लाभ से वंचित हैं।
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प्रदूषण के कारण लगी बीमारी : राकेश वर्मा
बागबानी विभाग हीरानगर ब्लॉक के एचडीओ राकेश वर्मा का कहना है कि प्रदूषण के कारण आम का फल को ब्लैक टिप बीमारी लगती है जिससे फल काला होकर गिर जाता है। क्षेत्र में 600 हेक्टेयर पर 6 हजार के करीब देसी और दशहरी आम के पेड़ हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अभी तक आम को शमिल नहीं किया गया है। बीमा कंपनी से कई बार बैठकें हुई हैं। आम का बीमा में शामिल न होने का एक कारण यह अधिकतर बाग राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में नहीं है। केसीसी पर कर्ज लेने के लिए पहले जमीन की नकल की जरूरत होती है। दूसरा कंडी क्षेत्र में आम को बंदर नुकसान पहुंचाते हैं। इससे हुए नुकसान को भी कंपनी कवर नहीं करती।