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तेंदुए, सूअर और बंदरों के उत्पात से घरों से निकलना दूभर

संवाद सहयोगी रामकोट सरकार द्वारा वन्यजीवों को मारने या प्रताड़ित करने पर पूर्ण रूप से पाबंदी तो लग

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 11:08 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 11:08 PM (IST)
तेंदुए, सूअर और बंदरों के उत्पात से घरों से निकलना दूभर
तेंदुए, सूअर और बंदरों के उत्पात से घरों से निकलना दूभर

संवाद सहयोगी, रामकोट: सरकार द्वारा वन्यजीवों को मारने या प्रताड़ित करने पर पूर्ण रूप से पाबंदी तो लगी हुई है, लेकिन इन वन्य जीव से बचाने के लिए वाइल्ड लाइफ विभाग के पास कोई समाधान नहीं है। और न ही इनसे छुटकारा दिलाने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम है। आलम यह है कि इन वन्य जीवों की बढ़ती संख्या से आम लोग काफी परेशान है।

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क्षेत्र में इन दिनों तेंदुए, सूअर और बंदरों उत्पात से लोग सहमे हुए है। रात में तेंदुए और सूअर अपनी सरगíमया बढ़ा देती है, सूअर खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं दिन में बंदरों की टोलियां लोगों को घरों से निकलना दूभर कर दिया है। बंदर घरों व बाजारों के अलावा फूल पौधों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। बंदरों के कारण क्षेत्र के कई किसान खेतों में फसल लगाना छोड़ चुके हैं। सार्वजनिक स्थानों पर लोगों का बैठना दूभर हो गया।

स्थानीय लोगों की मांग पर वन जीव विभाग ने बंदरों को पकड़ने के लिए जालिया भी लगाई हुई है, परंतु न ही विभाग का कोई कर्मचारी दिन में फंसे बंदरों को उठाने के लिए आता है और ना ही विभाग द्वारा इनकी कोई सुध ली जाती है। 15 दिनों से लगातार स्थानीय लोग रोजाना बंदरों को पकड़ते हैं और शाम को छोड़ देते हैं। राहगीरों के लिए एक तरह का मनोरंजन बन गया है, परंतु विभागीय कर्मचारियों के कभी भी दर्शन नहीं होते।


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