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खेतों में पानी, गेहूं की बिजाई प्रभावित

डीसी कठुआ ओपी भगत के मढीन जोन का दौरा करने के बाद कृषि विभाग ने बारिश से हुए बासमती के नुक़सान की गांवों में जाकर रिपोर्ट बनानी शुरू तो कर दी है जिस के बाद सरकार मुआवजा देती

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 06:31 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 12:13 AM (IST)
खेतों में पानी, गेहूं की बिजाई प्रभावित
खेतों में पानी, गेहूं की बिजाई प्रभावित

संवाद सहयोगी, हीरानगर : डीसी ओपी भगत के मढ़ीन जोन का दौरा करने के बाद कृषि विभाग ने बारिश से हुए बासमती के नुकसान का आकलन तो शुरू तो कर दी है, लेकिन किसानों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या गेहूं की बिजाई करने की है।

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गौर हो कि मढ़ीन ब्लाक में 90 फीसद बासमती की फसल बर्बाद हो चुकी है। जांडी, शेरपुर, चंझाल क्षेत्र में अभी भी सैकड़ों कनाल जमीन पर फसल लगी हुई है, जिसे काटने को लेकर किसान असमंजस में हैं। किसान शाम सिंह, दर्शन लाल, जगदीश राज, कुलदीप राज, जनक राज का कहना है कि धान की फसल काटने के बाद नवंबर के अंत तक गेहूं की बिजाई भी कर लेते थे। इस बार दोनों फसलों के होने की उम्मीद नहीं। बासमती की फसल का सौ फीसद नुकसान हो चुका है, लेकिन गेहूं की बिजाई के लिए फसल को काटना जरूरी है। मजदूर भी खेतों में पानी जमा होने की वजह से कटाई करने को तैयार नहीं है। आसमान में दोबारा बादल छाए हुए है, अगर फिर से बारिश हो जाती है तो गेहूं की फसल भी नहीं लगेगी। वहीं कृषि विभाग के एसडीओ मनोहर लाल शर्मा का कहना है कि विभाग के कर्मचारी डोर-टू-डोर जाकर नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर रहे है। दो-तीन दिन के अंदर डीसी को रिपोर्ट सौप दिया जाएगा। बासमती वाले खेतों में पानी खड़ा रहने की वजह से वहां गेहूं की फसल लगने की संभावना कम है।


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