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छोटे उद्योगों को बचाने के लिए विशेष पैकेज जरूरी

ज्यादा निगाहें टिकी हैं। दरअसल अनुच्छेद 370 एवं टोल प्लाजा हटने के बाद कठुआ के उद्योग संकट में आ गए हैं। इस समय 300 के करीब कठुआ में उद्योग हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 06:59 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 06:59 PM (IST)
छोटे उद्योगों को बचाने के लिए विशेष पैकेज जरूरी

जागरण संवाददाता, कठुआ: आगामी केंद्रीय बजट पर इस बार कठुआ के उद्योगपतियों की सबसे ज्यादा निगाहें टिकी हुई है। दरअसल, अनुच्छेद 370 एवं टोल प्लाजा हटने के बाद कठुआ के उद्योग संकट में आ गए हैं। इस समय 300 के करीब कठुआ में उद्योग हैं, जिनमें से 90 फीसद स्माल स्केल इंडस्ट्रीज की श्रेणी में हैं। इन उद्योगों को सरकार द्वारा समय-समय पर लागू की जाने वाली नीतियों से काफी प्रभाव पड़ा है। इसके चलते 100 के करीब उद्योग जीएसटी लागू होने के बाद बंद हो गए हैं, 50 के करीब अनुच्छेद 370 हटने के बाद और 50 के करीब अब टोल प्लाजा हटने के बाद बंद हो रहे हैं। इसके चलते अब 100 के करीब यूनिट ही काम कर रही है। हालांकि इनमें अधिकांश यूनिट बाहरी राज्यों के लोगों के हैं, जो यहां पर पूर्व राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली टोल माफी व अनुच्छेद 370 के चलते कई तरह की रियायतें देती थी, ताकि जम्मू कश्मीर में स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सके। करीब 10 हजार बेरोजगारों को इन उद्योगों में रोजगार मिला हुआ हैं, लेकिन जीएसटी लागू होने, अनुच्छेद 370 एवं टोल प्लाजा हटने के बाद कठुआ के उद्योगों के लिए अब केंद्र से विशेष पैकेज मिलने पर ही आगे चलने की उम्मीद टिकी हुई है।

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हालांकि, अभी उद्योगों को विभिन्न श्रेणियों में जम्मू कश्मीर सरकार ने जीएसटी रिफंड की सुविधा दे रखी है, लेकिन रिफंड समय पर नहीं मिलने से उद्योगपतियों को उसके लिए बैंकों से लोन लेकर अदायगी करनी पड़ रही है। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त ब्याज देना पड़ रहा है, जब तक रिफंड मिलता है तब तक लोन का ब्याज ज्यादा हो जाता है। इसके अलावा सरकार उद्योग को मशीनरी खरीदने पर 30 फीसद सब्सिडी और जेनरेटर खरीदने पर 100 फीसद सब्सिडी देती है, लेकिन अब बदले हालात के चलते उद्योगपति परेशान हैं, वे भविष्य में जहां सरवाइव करने के लिए केंद्र से विशेष पैकेज की उम्मीद जता रहे हैं कोट्स---

सरकार को बड़े उद्योगों की तरह छोटे उद्योगों को भी जम्मू कश्मीर में सरवाइव करने के लिए निवेश के लिए विशेष पैकेज देना चाहिए अन्यथा कठुआ में जो 100 के करीब उद्योग चल रहे हैं, वो भी बंद हो जाएंगे। अनुच्छेद 370 एवं टोल प्लाजा हटने के बाद कठुआ के उद्योग संकट में आ गए हैं। यहां पर न कच्चा माल है और न ही मार्केट की सुविधा। टोल हटने से सीमेंट उद्योग पूरी तरह से बंद होने के कगार पर है। बंद होने से बेरोजगारी भी बढ़ेगी, पैकेज ही मात्र बचाव है।

-देवेंद्र वर्मा, उद्यमी, कठुआ। कोट्स--

बड़े उद्योगों को तो सरकार अब जम्मू कश्मीर में बने हालात के चलते निवेश के लिए आमंत्रित कर रही है, जिन्हें 250 करोड़ का निवेश करने पर अब सरकार ने आयकर में भी 33 से 25 फीसद तक कटौती कर बड़ी राहत दी है। छोटे उद्योगों को अभी तक राहत की बजाय अनुच्छेद 370 एवं टोल प्लाजा हटने के बाद और संकट बना है, खासकर कठुआ के सीमेंट उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। अगर पैकेज नहीं दिया गया तो सीमेंट उद्योग बंद होने से 3 हजार लोग बेरोजगार होंगे।

-ए के कत्याल, उद्यमी, कठुआ। कोट्स--

बजट में जम्मू कश्मीर के उद्योगों को विशेष पैकेज जरूरी है। इसके साथ ही जो भी सरकार नीति लागू करने की घोषणा करती है या लागू करती है,उसे सुनिश्चित बनाएं। सरकार घोषणाओं तक योजनाओं और पैकेज को सीमित न रखे। सरकारी कार्यालयों में दस्तावेज प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जाए। बजट में राहत व पैकेज देना सरकार द्वारा उद्योगों को प्रोत्साहन देना अच्छा है, लेकिन जो घोषित किया है, उसे लागू करे।

-आर पी अग्रवाल,उद्यमी, कठुआ। कोट्स---

अनुच्छेद 370 एवं टोल प्लाजा हटने के बाद जम्मू कशमीर में औद्योगिककरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार को विशेष पैकेज देना चाहिए अन्यथा छोटे उद्योगों पर संकट आ जाएगा, टोल हटने से 50 रुपये सीमेंट सस्ता हुआ है। यहां पर कच्चा माल एवं मार्केट न होने से वो अब दूसरे राज्यों के उत्पादों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे। बड़े उद्योगों को बुलावा देना अच्छा है, लेकिन छोटों को भी बचाए रखना जरूरी हैं, वो भी रोजगार दे रहे हैं। सरकार जो भी घोषणा करें उसे लागू करने में देरी न करें।

-अजय शर्मा, सीए, कठुआ।


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