छलनी से चांद को देख किया पिया का दीदार
रात को चांद का दीदार करने के उपरांत ही अधर्य देर पति के हाथों जल ग्रहण कर अपना व्रत तोड़ा। करीब पौने दस बजे चंद्रमा के महिलाओं को दर्शन हुए। जिसके बाद करवा चौथ की पारपंरिक पूजा करके पति की भी पूजा की। व्रत की शुरूआत सुबह तारों की छांव में महिलाओं ने सरगी का सेवन किया और उसके बाद पूरा दिन पा
जागरण संवाददाता, कठुआ: पति की लंबी आयु की कामना को लेकर महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से करवा चौथ का व्रत पूरी धार्मिक श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया। इससे पहले महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा और रात को चांद का दीदार करने के उपरांत ही अर्घ्य देकर पति के हाथों जल ग्रहण कर अपना व्रत तोड़ा। करीब पौने दस बजे महिलाओं को चंद्रमा के दर्शन हुए, इसके बाद करवा चौथ की पारंपरिक पूजा तरीके से पूजा करके पति की भी पूजा की।
व्रत की शुरूआत सुबह तारों की छांव में महिलाओं ने सरगी का सेवन किया। उसके बाद दिनभर पानी तक नहीं पिया। शाम ढलते ही चांद का दीदार शुरू हो गया। इससे पहले महिलाओं ने पूरी तरह से सजधज कर समूह बनाकर करवड़ा बदला और पारंपरिक पूजा भी की, एक दूसरे को करवा चौथ की शुभकामनाएं भी दी। उसके बाद चांद को अर्घ्य दिया और पति के हाथों जल ग्रहण करने के बाद व्रत तोड़ा। इस उपलक्ष्य में महिलाएं सुबह से ही सजने संवरने में लगी रहीं।
सबसे ज्यादा उत्साह नवनवेली दुल्हनों में दिखा, जो पूरी तरह से शादी वाले रूप में सजी दिख रही थी। करवा चौथ के उपलक्ष्य में महिलाएं बाजार में सजधज कर ही खरीदारी के लिए पहुंची थी। इस बीच अधिकांश महिलाएं ब्यूटी पार्लर में सजने के लिए व्यस्त रहीं। शहर में मेहंदी वालों के स्टाल पर भी महिलाएं मेहंदी लगाने के लिए जमी रही। सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुछ कुंवारी युवतियों ने भी अच्छे वर की कामना को लेकर व्रत रखा। जिसके चलते शहर में करवा चौथ को लेकर उत्साह का माहौल रहा। बाजार में दिन भी रौनक रही। करवा चौथ को लेकर उत्साहित महिला रेखा ने बताया कि इस व्रत का उन्हें साल भर इंतजार रहता है,ये पर्व उनके लिए विशेष रहता है और महिलाओें का ये खास पर्व है। जिसमें महिलाएं पूरी तरह से सजधज कर पति की पूजा कर उसकी लंबी आयु की कामना करती है।