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गांव पानसर में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं

संवाद सहयोगी हीरानगर सीमा से मात्र एक किलो मीटर पर स्थित हीरानगर तहसील का पानसर गाव जो 1947से पह

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 12:45 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 12:45 AM (IST)
गांव पानसर में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं
गांव पानसर में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं

संवाद सहयोगी, हीरानगर: सीमा से मात्र एक किलो मीटर पर स्थित हीरानगर तहसील का पानसर गाव जो 1947से पहले क्षेत्र में एक अलग पहचान रखता था आज सरकार की उपेक्षा के कारण पिछड़ा हुआ है। आजादी के पहले गाव सत्तर के करीब परिवार बस्ते थे।अब मात्र 25परिवार ही रह रहे हैं। सीमा के नजदीक होने की वजह से गाव अक्सर पाकिस्तान के निशाने पर रहा है। वर्ष 2002में पाकिस्तान की गोलीबारी से गाव लगने से पूरी तरह से तबाह हो गया था। सिर्फ पुराना मंदिर ही बचा था। अब लोगों ने दोवारा पक्के मकान तो बना लिए हैं। मिडिल स्कूल,उप स्वास्थ्य केन्द्र भी है लेकिन गाव का उचित विकास नहीं हुआ। रविवार की सुबह इस गाव के पंच राम सिंह के नेतृत्व में सफाई अभियान चला रहे थे। राम सिंह ने बताया कि मूल भूत सुविधाएं नहीं मिलने की वजह से कुछ परिवार अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सुरक्षित स्थानों पर बस रहें हैं।गाव की मुख्य सड़क केई सालों से टूटी हुई है उस पर बीस सालों से तारकोल नहीं पडी। बरसात में मिनी बस गाव में नहीं पंहुचती। गलिया टूटी हुई है। जिन्हें बनाने के लिए प्रताप फंड नहीं मिलता। गाव के लोग खुद ही सफाई कर रहे हैं। हालाकि दस हजार रुपए स्वास्थ्य विभाग ने भी दिए हैं लेकिन गाव में गलियों नालियों के निर्माण के लिए लाखों रुपए की जरूरत है। गाव में दो साल पुराना शिव मंदिर है।जो जर्जर हालत में है। लोगों के पास इतना पैसा नहीं की वह इस की मरम्मत करवा सकें।तीन साल पूर्व बीएसएफ ने शिव रात्रि पर इस की थोड़ी बहुत मरम्मत करवाई थी। उन्होंने कहा कि लोगों का मुख्य पेशा खेती है। कुछ जमीन तारबंदी के आगे पड़ती है।जिस में खेती नहीं हो रही और जो पिछे बची है उस से गुजारा नहीं होता। उन्होंने कहा कि सरकार ने सीमावर्ती गावों के युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए चार फीसदी आरक्षण तो दिया है।इस के लिए छह किलोमीटर में पड़ते गावों को शामिल कर लिया गया है। फिर उन के बच्चों को नौकरी नहीं मिलेगी। सरकार को गोलीबारी से प्रभावित जीरो लाइन के गावों के लिए नौकरियों में अलग से कोटा निर्धारित करना चाहिए और विकास के लिए विशेष फंड जारी करना चाहिए।तभी लोगों जिंदगी संवर सकती है अन्यथा धीरे धीरे गाव खाली हो जाएंगे।

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