जंगल में पेड़ों की कटाई से बंदरों ने जमाया रिहायशी क्षेत्र में डेरा
संवाद सहयोगी रामकोट क्षेत्र के जंगलों में पेड़ों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है जिस कारण्
संवाद सहयोगी, रामकोट : क्षेत्र के जंगलों में पेड़ों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है, जिस कारण बंदर समेत अन्य जंगली जानवर रिहायशी बस्तियों में अपना डेरा जमाए बैठे हैं। आलम यह है कि बंदर दिन में उछल कूद करते हुए अब राहगीरों पर झपटते मारने लगे हैं। घर आगन उत्पात मचाते हैं। खासकर महिलाओं और बच्चों से छीना झपटी करते हैं और रात के समय घरों की छत्तों व पेड़ों पर बसेरा करते हैं।
वहीं बस्तियों के आसपास जंगली झाड़ियों की आड़ में छिपे तेंदुए, सूअर, लोमड़ी समेत अन्य दूसरे जंगली जानवर भी लोगों के लिए दहशत बने हुए हैं। जंगली सूअर और लोमड़िया रातो में फसलों को हानि पहुंचाती है तो तेंदुए अंधेरा होने से पहले ही राह चलते लोगों को नजर आने लगते हैं। स्थानीय निवासी संसार सिंह गोत्र ने बताया कि बीते बुधवार शाम को अमुवाला में राह चलते लोगों को एक मादा तेंदुआ अपने दो बच्चों के साथ बीच रास्ते से गुजरता हुआ दिखाई दिया। इसके कारण लोगों ने अकेले में घरों से निकलना बंद कर दिया है। इससे पहले भी कई बार स्थानीय चरवाहों और लोगों ने तेंदुए को खेतों और घरों के आसपास मंडराते हुए देखा है। तेंदुआ अक्सर लोगों के सामने ही पशुओं को उठाकर ले जाता है, जिस कारण लोगों में काफी दहशत व्याप्त है। लोगों का कहना है की वन्यजीव विभाग जंगली जानवरों पर अंकुश लगाने में असमर्थ है। यदि प्रशासन चाहे तो लोगों को जंगली जानवरों की दहशत से छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए वन्य जीव विभाग को पहल करने की जरुरत है।