एमबीबीएस छात्रों को टीबी के प्रति किया जागरूक
जागरण संवाददाता कठुआ/बसोहली विश्व टीबी दिवस के मौके पर जीएमसी कठुआ में एमबीबीएस छात्रों
जागरण संवाददाता, कठुआ/बसोहली: विश्व टीबी दिवस के मौके पर जीएमसी कठुआ में एमबीबीएस छात्रों के लिए जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। जीएमसी की प्रिसिपल डा. अंजलि नादिर भट्ट की अगुआई में आयोजित जागरूता सत्र के दौरान डॉ. नताशा साहनी ने छात्रों को विश्व टीबी दिवस-2021 की थीम 'घड़ी की टिक टिक है' के अर्थ से अवगत कराते हुए बताया कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न सरकार द्वारा टीबी को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धताओं पर कार्य करने से इस बीमारी को दुनिया को मुक्ति दिलाने पर काम हो रहा है।
वहीं, डा.अमरीश ने आज के युग के विषय की बेहतर समझ बनाने के लिए रोग के रुपात्मक और नैदानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। सत्र में उपस्थित सभी छात्रों ने इस बीमारी के प्रबंधन और निवारक उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए आगे के तौर तरीके बनाने में उत्साह से भाग लिया।
उधर, बसोहली में अंतरराष्ट्रीय कुष्ठ रोग दिवस पर उपजिला अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें एडीसी तिलक राज थापा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। इस दौरान उन्होंने एक जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मौके पर डीटीओ डाक्टर राधेश्याम ने टीबी रोग के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए इसकी रोकथाम के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि सरकार ने 2025 तक भारत को कुष्ठ रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस रोग के इलाज हेतु सरकार द्वारा मुफ्त में दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। एडीसी थापा ने बताया कि सरकार द्वारा कुष्ठ रोग के उपचार हेतु अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। अगर एक कुष्ठ रोगी का उपचार न किया जाए तो वह साल भर में 15 और लोगों को संक्रमित कर देता है। उन्होंने बताया के कुष्ठ रोग का उपचार संभव है। एडीसी ने आगनबाड़ी वर्कर्स के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। इस अवसर पर तहसीलदार अमन आनंद, बीएमओ अनुराधा केरनी भी उपस्थित रहे।