.. अब मनयारी के भी बच्चे मैदान में मार सकेंगे चौक्के छक्के
पाकिस्तान की तरफ से पिछले छह माह से हो रही गोलीबारी छोटे बच्चों की एक तो पढ़ाई प्रभावित कर रही है साथ ही उन्हें खेलने का मौका नहीं मिल रहा है। इसके कारण वे काफी तनाव में रहते हैं लेकिन अब वे भी अपने खाली समय में क्रिकेट के चौक्के छके मार सकेंगे।
संवाद सहयोगी, हीरानगर: पाकिस्तान की तरफ से पिछले छह माह से हो रही गोलीबारी छोटे बच्चों की एक तो पढ़ाई प्रभावित कर रही है, साथ ही उन्हें खेलने का मौका नहीं मिल रहा है। इसके कारण वे काफी तनाव में रहते हैं, लेकिन अब वे भी अपने खाली समय में क्रिकेट के चौक्के छके मार सकेंगे।
सीमावर्ती क्षेत्र के मनयारी गांव में अब पांच लाख की लागत से पंद्रह कनाल जमीन पर खेल मैदान को समतल करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने काम शुरू कर दिया है। अभी मैदान की हदबंदी करने का काम चंद रोज पहले ही शुरू हुआ है, इससे पहले बच्चे अपनी खेल गतिविधियां शुरू कर दी हैं और वे मैदान बनने से काफी खुश हैं। रविवार को मनयारी गांव के मैदान में बच्चों को बड़े उत्साह से खेलते हुए देखा गया। कोट्स---
बैक टू विलेज अभियान के दौरान लोगों ने मनयारी में खाली पड़ी सरकारी जमीन पर खेल मैदान बनाने की मांग की रखी थी अब खेल मैदान को समतल करवाने के लिए मनरेगा से तीन और बैक टू विलेज के तहत दो लाख रुपए मंजूर हुए हैं जिस का काम शुरू हो गया है इस के बनने से बच्चों को खेलने के लिए जगह मिल जाएगी सरकार को ओर भी फंड मंजूर करना चाहिए।
- मनोहर लाल, स्थानीय निवासी। कोट्स--
शाम ढलते ही सीमा पर पाकिस्तान गोलीबारी शुरू कर देता है, बच्चे रात भर बंकरों में दुबके रहते हैं, उन्हें खेलने का मौका नहीं मिलता। मनयारी में खेल मैदान बनने के बाद वे खेल कर तनाव मुक्त हो सकते हैं। प्रशासन को निर्माण कार्य मुकम्मल करवाने के लिए अतिरिक्त फंड मुहैया करवाना चाहिए।
- राजीव शर्मा। कोट्स--
सीमावर्ती क्षेत्र के बीस गांवों में कहीं भी खेल मैदान नहीं है, जिस वजह से युवा खेल नहीं पाते। अगर फसलों के कटने के बाद खेतों में खेले तो वहां गोलीबारी का खतरा रहता है। मनयारी में खेल मैदान बनने से खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलेगा। मैदान में सुविधाएं मुहैया करवाने के काफी फंड की जरूरत है।
- नितिन शर्मा।