Move to Jagran APP

प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों ने सीमा क्षेत्र के हालात से हुए रूबरू

संवाद सहयोगी हीरानगर सीमा क्षेत्र संवेदीकरण कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय दौरे पर आए 18 प

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 04:21 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 04:21 AM (IST)
प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों ने सीमा क्षेत्र के हालात से हुए रूबरू
प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों ने सीमा क्षेत्र के हालात से हुए रूबरू

संवाद सहयोगी, हीरानगर : सीमा क्षेत्र संवेदीकरण कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय दौरे पर आए 18 प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों के दल ने मंगलवार को हीरानगर सेक्टर के बोबिया गांव का दौरा कर लोगों के रहन-सहन उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बीएसएफ के पोस्ट पर जाकर अधिकारियों से भी सुरक्षा संबंधी जानकारी हासिल की। सुबह 11 बजे के करीब तहसीलदार हेडक्वार्टर उन्हें बोबिया में लेकर पहुंची और जहां एसडीएम हीरानगर राकेश कुमार, तहसीलदार राहुल बसोतरा, बीडीओ मढीन राजेश कुमार, सीडीपीओ सुशील खजुरिया, सरपंच भारत भूषण अन्य ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया। सरपंच भारत भूषण ने प्रशिक्षु अधिकारियों को सीमावर्ती लोगों के रहन-सहन व पेश आने वाली समस्याओं के बारे में अवगत करवाते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी है। क्षेत्र में अक्सर पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी होती रहती है। जिससे लोगों को अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तारबंदी के आगे की जमीन में खेती नहीं होती और पीछे पड़ती सरकारी जमीन, जिसमें खेती कर गुजारा करते थे। उसे भी सरकार निकाल रही है। जिससे किसान चितित हैं। उन्होंने कहा गोलीबारी के दौरान बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं। दो वर्ष से स्कूल भी बंद है। सीमावर्ती गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह बच्चे आनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए केंद्र से सीमांत विकास योजना के तहत हर साल करोड़ों रुपये आते हैं। जो गोलीबारी से प्रभावित गांवों के बजाय दूसरे गांवों के विकास पर खर्च हो जाते हैं। सरकार ने सीमावर्ती छह किलोमीटर में पड़ते गांवों को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण दे रखा है। उसमें भी अन्य गांवों को लाभ हो रहा है। जीरो लाइन में पड़ते गांवों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि सीमावर्ती गांवों के बच्चों की ही पढाई प्रभावित होती है। इस मौके पर पंचायत प्रतिनिधियों ने अधिकारियों को अपना ज्ञापन भी सौंपा। जो वह अक्सर सरकार को भेजते रहे हैं।

loksabha election banner

लोगों को मिलने के बाद अधिकारियों के दल ने बीएसएफ के पोस्ट में जाकर अधिकारी से सुरक्षा प्रबंधों के बारे में जानकारी ली। बीएसएफ के कम्पनी कमांडर ने उन्हें बताया कि पाकिस्तान अक्सर नापाक हरकतें करता रहता है। जिसका बीएसएफ उचित जबाव देती है। पाकिस्तान कभी गोलीबारी करता है तो कई बार जमीन में सुरंगें निकालने का प्रयास करता रहता है। कभी कभी ड्रोन भी पाकिस्तान की तरफ से आते हैं। इन सबसे निपटने के लिए बीएसएफ पुरी तरह से सक्षम है। बाद में आइएएस अधिकारियों का दल हीरानगर कस्बे में पहुंचा और वहां दोपहर का खाना खाने के बाद उन्होंने जांडी स्थित किले का भी दौरा किया। बाक्स---

प्रशिक्षु आइएएस दल में यह रह शामिल

ऐश्वर्या, तशी कूदें, अभिनव गोपाल, डा. अभिषेक, अनिकेत सचिन, जतिन किशोरी, काटा रवी तेजा, कोल्लबथुला, मोहमद शफिक, नतिशा माथुर, पेमा टहली, प्रदीप सिंह, प्रत्युष पांडेय, प्रीती कुमारी, सिद्धार्थ फ्लेक्स, सूर्य तेजा मल्लवरपु, ततिमौक्लआ राहुल कुमार रेड्डी, प्रदीप सिंह, प्रत्युष पांडेय, प्रीती कुमारी, सिद्धार्थ फ्लेक्स।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.