Inter State Bus Service : लखनपुर में इंटर स्टेट बसें चलने से भी यात्रियों को नहीं मिल पाई राहत
बस में सवार यात्री भी अब बिना मास्क के सफर करने शुरू कर दिए है। इस बीच जम्मू कश्मीर सरकार ने गत सप्ताह लखनपुर में डेढ़ साल से इंटर स्टेट बसों के प्रवेश पर लगी पांबदी तो हटा दिया। इससे आम यात्रियों को काफी राहत मिली है।
कठुआ, जागरण संवाददाता : करीब डेढ़ वर्षो से जारी कोरोना महामारी में कमी आने के बाद पाबंदियों में एक-एक कर छूट देने का क्रम भले ही जारी है। आलम यह है कि व्यवहारिक रूप से पाबंदियां लगभग हटती दिख रहीं हैं यानि सब कुछ सामान्य होता दिख रहा है। अब सिर्फ एहतियातन तौर पर दसवीं के नीचे कक्षाओं के स्कूल बंद हैं। अगर पड़ोसी राज्य पंजाब में देखा जाए तो वहां स्कूल भी खुल चुके हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी सामान्य रूप से दौड़ रही है।
बसों में पूरी क्षमता के साथ सवारियां भी बैठाई जा रही है। बस में सवार यात्री भी अब बिना मास्क के सफर करने शुरू कर दिए है। इस बीच जम्मू कश्मीर सरकार ने गत सप्ताह लखनपुर में डेढ़ साल से इंटर स्टेट बसों के प्रवेश पर लगी पांबदी तो हटा दिया। इससे आम यात्रियों को काफी राहत मिली है। सरकार ने सिर्फ दो डोज लगा चुके यात्रियों को ही लखनपुर से बिना कोरोना जांच कराए प्रवेश करने की अनुमति दी है, एक डोज वाले को बना जांच कराए प्रवेश की अनुमति नहीं है। इससे उन्हें बिना टेस्ट और इंटर स्टेट रूट पर यात्रा करने की अनुमति दी है, उन्हें भले ही टेस्ट से छूट है, लेकिन अब इससे वहां बनी व्यवस्था के कारण दो डोज वालों को एक डोज वाले यात्रियों के कारण बसों की अदला-बदली करने से और ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है।
लखनपुर पहुंचते ही बस में सवार यात्रियों को रोककर पुलिस कोरोना के एक डोज लगाने वाले यात्रियों को नीचे उतार कर कोरोना जांच के लिए भेज देती है। इसमें अगर किसी ने डोज नहीं लगाई और एक ही या एक भी नहीं, तो ऐसी स्थिति में किसी के पास 72 घंटे के भीतर कराया गया आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट है तो उसे भी लखनपुर में कोरोना टेस्ट कराने की छूट दे रखी है, लेकिन इन सब की अदलाबदली और छंटनी की वजह से कोरोना की दो डोज लगाने वाले बस में सवार यात्री होते हैं तो उन्हें भी बस से नीचे उतर कर अपना दो डोज का लगाया गया स्वास्थ विभाग की ओर से जारी किया गया प्रमाणपत्र पत्र एक-एक कर दिखाना पड़ता है। इस प्रक्रिया में गुजरने के लिए काफी समय तक परेशान होना पड़ता है।
सरकारी बस में सवार हो तो उसमें से एक डोज वाले जो टेस्ट कराने गए होते हैं, बस उनका इंतजार करती हैं। इससे दो डोज वालों को भी उनके साथ परेशान होना पड़ता है। इस तरह की व्यवस्था एवं प्रक्रिया से दो डोज वालों को इंटर स्टेट बस सेवा शुरू होने से मिलने वाली राहत से कोई लाभ नहीं मिला है। उन्हें उल्टा बस में सवार होने से वहां परेशान होना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन के सौ फीसद लक्ष्य पूरा करने में पिछड़ा कठुआ : जिले में स्वास्थ्य विभाग अभी तक कोरोना वैक्सीनेशन का एक डोज का भी सौ फीसद लक्ष्य पूरा करने में सफल नहीं हो पा रहा है, जबकि सरकार ने अब दो डोज लगा चुके लोगों को जारी पाबंदियों में कई तरह की छूट भी देने शुरू कर दिया। जिले में अभी तक सिर्फ एक परोल मेडिकल ब्लॉक है जहां पर कोरोना वैक्सीनेशन का एक डोज का 103 फीसद लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। इसमें कठुआ, नगरी एवं लखनपुर क्षेत्र पड़ता है।इसके अलावा 4 अन्य मेडिकल ब्लॉक 90 फीसद तक तेजी से पहुंचने के बाद अब वैक्सीनेशन के मामले में धीमे हो गए हैं।
हीरानगर ब्लॉक में 92.375 फीसद एक डोज का लक्ष्य पूरा हुआ है। इसी तरह बसोहली में एक डोज का 93.938, बिलावर में सबसे कम 72.127 और बनी में 83.022 फीसद एक डोज का लक्ष्य पूरा हो पाया है। जिले में गत माह प्रतिदिन वैक्सीनेशन कराने वालों की संख्या 8 हजार के करीब थी, जो अब 4 हजार के करीब रह गई है। चार मरीज हुए स्वस्थ, अब सक्रिय संक्रमितों की संख्या 13 कठुआ: जिले में सोमवार को चार पाजिटिव लोग स्वस्थ हुए। इसके चलते अब जिले में सक्रिय कोरोना संक्रमितों की संख्या 13 रह गई है। उधर, डीसी राहुल यादव ने कोरोना की नई गाइडलाइन जारी करते हुए अभी शादी समारोह में वही पुरानी संख्या और अंतिम संस्कार में भी 20 लोगों के ही शामिल होने की शर्त रखी है। इसकी उल्लंघन करने वालों पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं।