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जिले के विभिन्न मंडियों में धान की खरीद धीमी, किसानों में रोष

संवाद सहयोगी हीरानगर/बिलावर मढीन की हरिया चक मंडी में धान की खरीद का काम धीमी गति से चलने

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 04:45 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 04:45 AM (IST)
जिले के विभिन्न मंडियों में धान की खरीद धीमी, किसानों में रोष
जिले के विभिन्न मंडियों में धान की खरीद धीमी, किसानों में रोष

संवाद सहयोगी, हीरानगर/बिलावर: मढीन की हरिया चक मंडी में धान की खरीद का काम धीमी गति से चलने से किसानों में रोष व्याप्त है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने मंडिया खोल कर सिर्फ खानापूर्ति की है, क्योंकि फसल खरीद की उचित व्यवस्था नहीं की है। इसके कारण उन्हें परेशानी हो रही है।

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हरिया चक मंडी में 14 अक्टूबर से रविवार तक 14 किसानों का 2822 बोरी ही धान खरीदा गया है। मंडी में चार दिनों से धान की फसल बेचने आए किसान बुढ्डा सिंह, नरेन्द्र सिंह कुलदीप राज, अमरीक सिंह, बीरबल आदि ने बताया कि धान से भरी ट्रालिया चार दिन से खड़ी हैं, लेकिन अभी तक नंबर नहीं आया और बाकी का धान खेतों में पड़ा है। उन्होंने कहा कि मंडी में एक तो मजदूर कम हैं, दूसरा अनाज साफ करने के लिए भी सिर्फ दो पंखे लगाए गए हैं जो बिजली से चलते हैं। जब बिजली चली जाती है तो पंखे भी बंद हो जाती है, इसके कारण काम प्रभावित हो जाता है। उन्होंने कहा कि अभी पाच फीसद किसानों ने ही कटाई की है, फिर भी धान नहीं बिक रहा। उन्होंने कहा कि सभी किसानों के पास ट्रैक्टर ट्राली नहीं, वे किराए पर ट्रैक्टर ट्राली लेकर आए हैं। चार पाच दिनों से ट्रैक्टर खड़ा हैं, जिसका किराया देना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मंडियों की संख्या बढ़ाने तथा धान खरीद की उचित व्यवस्था करने की माग की है।

इस संबंधी कृषि विभाग के हीरानगर उपमंडल के एसडीओ प्रदीप शर्मा का कहना है कि मंडी में सारी व्यवस्था एफसीआई को करनी होती है। उनके उच्चाधिकारियों से खरीद में तेजी लाने के लिए बात करेंगे।

उधर, बिलावर में रविवार को मौसम के बदले मिजाज को देखते हुए किसान धान की फसल समेटने में जुट गए, क्योंकि आसमान में छाए काले बादल ने चिंता बढ़ा दी है। मौजूदा समय में धान की कटाई कर चुके किसान अब फसल को समेटने में लगे हुए हैं। किसान महेंद्र चौधरी, करण सिंह व योगेश पाठक आदि ने बताया कि अगर दो-तीन दिन मौसम साफ रहता है तो अधिकांश क्षेत्रों में किसान धान की फसल को पूरी तरह से समेट लेगा, अगर बारिश होती है तो खेतों में पड़ी कटी हुई फसल बर्बाद हो जाएगी, इसलिए मौसम साफ रहने की मिन्नतें इंद्र भगवान से की जा रही है।


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