Lumpy Skin disease : लंपी स्किन वायरस से 14 पशु की मौत, पशु पालन विभाग हुआ सतर्क
कठुआ में पिछले कुछ सालों से डेरी उद्योग काफी फलफूला है ऐसे में उक्त सक्रमण के चलते सबसे ज्यादा उक्त उद्योग पर असर पड़ रहा है क्योंकि इससे एक तो संक्रमित दुधारू पशुओं में दूध देने की क्षमता कम हो रही है। दूसरा दूध खरीदने वाले भी सहमे हुए हैं।
जागरण संवाददाता, कठुआ : पशुओं में फैली लंपी स्किन वायरस की वजह से जहां पशुपालक परेशान है, वहीं पशु पालन विभाग रोकथाम को लेकर सक्रिय हो गया। विभाग के अनुसार जिले में अब तक 14 पशुओं की मौत हो चुकी है, जबकि आठ हजार पशु स्किन वायरस से संक्रमित है। गैर अधिकारिक आंकड़ा काफी ज्यादा है जो कि पशु पालकों में ¨चता का माहौल बना हुआ है।
बीमारी की रोकथाम के लिए संभागीय स्तर पर बनी टास्क फोर्स की समय-समय पर दी जाने वाली एडवायजरी के अनुसार जिला पशुपालन विभाग टीकाकरण व जागरूकता शिविर आयोजित कर रहा है। इसके बाद भी जिला के कई हिस्सों में लंपी बीमारी ने पशुओं को घेर रखा है। इस समय जम्मू संभाग में सबसे ज्यादा कठुआ, सांबा और राजौरी जिला प्रभावित है, जबकि कठुआ जिला में सबसे ज्यादा हीरानगर, बरनोटी, कठुआ और नगरी ज्यादा प्रभावित है, जहां पर पशु पालकों की संख्या ज्यादा है। लंपी बीमारी से सबसे ज्यादा पशुपालक परेशान हैं।
दरअसल, जिला कठुआ में पिछले कुछ सालों से डेरी उद्योग काफी फलफूला है, ऐसे में उक्त सक्रमण के चलते सबसे ज्यादा उक्त उद्योग पर असर पड़ रहा है, क्योंकि इससे एक तो संक्रमित दुधारू पशुओं में दूध देने की क्षमता कम हो रही है। दूसरा दूध खरीदने वाले भी सहमे हुए हैं। हालांकि, विभाग ने पहले ही लोगों को इसके लिए जागरूक कर दिया है, जिसमें दूध को उबालने के बाद किसी भी तरह के वायरस के उसमें नहीं रहने की बात कही है। फिर भी बहुत कम संख्या में लोग इससे डरे हैं।अब धीरे धीरे जो डरे थे, वे भी अब विभाग द्वारा दूध उबालने के बाद सुरक्षित बताने से प्रयोग करना शुरू कर दिया।
जिले में 2.76 लाख है पशुओं की संख्या : जिले में पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस समय 2.76 लाख पशुओं की संख्या है, विभाग ने जिला के सभी 19 ब्लॉकों में पशुओं को टीकाकरण करने के लिए सभी ब्लॉकों में एक-एक टीम तैनात कर रखी है। जो सभी गांवों में जाकर संक्रमित पशुओं की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट जिला मुख्यालय में मुख्य अधिकारी तक पहुंचा रहे हैं। जिला में कुल 200 वैटनरी सेंटरों के अधीन 400 गांवों में विभाग पशुओं के इलाज के लिए टीम भेज रहा है।
विभाग ने इसकी रोकथाम के लिए जम्मू में हेल्पलाइन नंबर 1962 भी जारी किया है, जहां पर काल करने से विभाग की टीम इलाज के लिए पहुंचेगी। इसमें सबसे ज्यादा कठुआ, नगरी, हीरानगर व बरनोटी ज्यादा है। पहाड़ी क्षेत्र में अभी उतनी तेजी से लंपी बीमारी नहीं फैली है। कुछ क्षेत्र में जैसे रामकोट क्षेत्र के गांव उच्चा¨पड में सोमवार को वेटनरी असिस्टेंट सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार ने सरपंच पूर्ण चंद शर्मा, पंच जीवन कुमार की उपस्थिति में 50 के करीब पशुओं को टीकारकण किया है। हालांकि, सरपंच ने बताया कि उनके क्षेत्र में एक महीने के भीतर एक दर्जन के करीब लंबी बीमारी से मर चुके हैं, जिसकी विभाग को समय-समय पर शिकायत की जा रही है।
अब विभाग ने डॉक्टरों ने टीम वहां भेजी है, जो पूरे गांव में एक सप्ताह तक टीकाकरण कार्य पूरा करेगी। कोट्स-- लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए विभाग को टीकाकरण के लिए सरकार की ओर से पर्याप्त डोज मिल रही है। अभी तक 20 हजार के करीब डोज मिल चुकी है, जिसमें से लगभग लगा दी गई है। अब जल्द ही 50 हजार के करीब डोज मिलने वाली है।
- पशुपालकों को जागरूक करने के लिए अब तक 200 के करीब जागरूकता शिविर लगा चुका है। यह क्रम अब तेजी से जारी है। इसके अलावा बेसहारा पशुओं को भी विभाग ने कठुआ शहर में आटे में दवा डालकर देना शुरू किया है। -डा. डी के शर्मा, मुख्य पशुपालन अधिकारी, कठुआ।