राजा जनक ने चलाई खेतों में हल, धरती से निकली माता सीता
संवाद सहयोगी बसोहली वैसे तो बसोहली की रामलीला देश भर में हो रही राम लीला से अलग प
संवाद सहयोगी, बसोहली: वैसे तो बसोहली की रामलीला देश भर में हो रही राम लीला से अलग पहचान रखती है। बीते रात रामलीला में सीता जन्म को देख सभी दर्शक यही कह रहे थे कि ऐसी प्रस्तुति बेमिसाल थी। रात की रामलीला का मुख्य आकर्षण मुनि विश्वामित्र द्वारा राक्षसों के वध के लिए अयोध्या के नन्हे राजकुमारों राम और लक्ष्मण को जंगल में ले जाना, ताड़का वध और सुवाहु मारीच के साथ युद्ध और सीता का जन्म रहा।
जनकपुरी निवासियों द्वारा गांव प्रधान से गुहार लगाना की सूखे की चिंताजनक हालत को लेकर राजा के दरबार में गुहार लगाई जाये। इसके बाद राजा जनक के राज दरबार में ग्रामीणों द्वारा अकाल और सूखे से राहत के लिए राजा जनक से भयंकर सूखे से प्रजा को राहत दिलवाने के लिए प्रयास करने की गुहार लगाना। राजा जनक के गुरू शतानंद द्वारा सुझाव देना की खुद हल चलाएं तो हल हो सकता है। राजा जनक द्वारा भूमि का पूजन करना और खुद हल चलाना इस दौरान बारिश होना एवं हल चलाते वक्त धरती से सीता का जन्म लेना। रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में दर्शक हों और जरा सा भी शोर न हो यह अजीव ही लगता है। रामलीला के तीसरे नवरात्रे में ऐसा ही हुआ। बसोहली रामलीला का यह दृश्य विश्व विख्यात है और इसे देखने के लिए स्थानीय दर्शकों की भीड़ तो उमड़ती ही है बाहर से भी लोग इस दृश्य को देखने विशेषतौर से आते है। सीता जन्म का दृश्य मनोहारी और उत्कृष्ट था, इसमें आधुनिक तकनीक का भी प्रयोग किया गया था। जब राजा जनक खेतों में बैल लेकर हल चला रहे थे तो कृत्रिम वर्षा के विशेष प्रबंध किये गये थे। मोटर लगा कर फुब्बारों को खंभे के ऊपर लगाया गया था पानी की बौछार से ऐसा लगा मानो सचमुच की बारिश हो रही हो। जब राजा जनक का हल जमीन में अटक जाता है और पटाखे की आवाज से जमीन फट जाती है और सीता का जन्म होता है। इस दृश्य के लिए रामलीला मैदान में पहले से ही गुफा निर्माण करवाया गया है, जिसमें धरती माँ की गोद से कमल के फूल पर बच्ची के रूप में सीता का अवतार होता है। इस दृश्य को बनाने में सुनील सोनी, अजय साध आदि दर्जनों युवाओं ने योगदान दिया।
महानपुर के छात्र बने किसान
बसोहली रामलीला मंचन में किसान की भूमिका में महानपुर हायर सेकेंडरी के छात्रों ने अहम भूमिका निभाई। स्कूल से छुट्टी के बाद सब छात्र अपने खर्च पर बसोहली आये और रामलीला के मेकअप रूम में किसान का मेकअप करवाया और इस के बाद राजा जनक के दरबार में गुहार लगाने आये। छात्रों ने बताया कि एक तो उन्हें रोल करने का अवसर मिला वहीं बसोहली रामलीला का मंचन देखने का अवसर मिला।