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गोलाबारी के बावजूद बच्चों के हौंसले बुलंद

संवाद सहयोगी हीरानगर सीमा पर गोलीबारी होने के बावजूद सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 06:14 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 01:08 AM (IST)
गोलाबारी के बावजूद बच्चों के हौंसले बुलंद
गोलाबारी के बावजूद बच्चों के हौंसले बुलंद

संवाद सहयोगी, हीरानगर: सीमा पर गोलीबारी होने के बावजूद सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के हौंसले बुलंद हैं। हालाकि, सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने तीन दिनों के लिए पानसर पंचायत के पाच स्कूल और सीमा से सटे पाच किलोमीटर की पट्टी में पड़ने वाले 52 सरकारी व निजी स्कूलों को एक दिन के लिए बंद रखा था, लेकिन उसके बाद से स्कूल खुले हुए हैं। हीरानगर सेक्टर में जीरो लाइन से सटे गावों में पंजगराई, लोंडी, लडवाल, गुज्जर चक, कड़ियाला, मनयारी, पानसर, रठुआ, छन्न लालदीन समेत कुल आठ स्कूल पड़ते हैं, जो गोलीबारी की रेंज में आते हैं। जब भी गोलीबारी होती है तो बच्चों को छुट्टी करनी पड़ती है। ग्रामीणों का कहना है कि गोलीबारी प्रति दिन नहीं होती, लेकिन आशका बनी रहती है। इससे अभिभावक बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित रहते हैं, ऐसे में सरकार जिस तरह से घरों में पक्के बंकर बनाए हैं वैसे ही स्कूलों में भी एक-एक सामुदायिक बंकर बनाए, ताकि अचानक गोलीबारी शुरू होने पर भी उन्हें छुट्टी करने के बजाए बंकरों में सुरक्षित रखा जाए।

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सरपंच विक्रम सिंह, मोहन लाल, भारत भूषण, देवराज का कहना है कि उन्होंने डीसी कठुआ से स्कूलों में बंकर बनवाने की माग की थी और उन्होंने आश्वासन दिया था कि इसका प्रपोजल भेजा गया है।


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