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ग्रामीण सड़कों की हालत जर्जर, पैदल चलना दूभर

उपमंडल की मुख्य सड़कों का बीआरओ ने विस्तारीकरण तो करवा दिया है लेकिन पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत विभिन्न गांवों की टूटी सड़कों की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा। आलम यह है कि चकडा मुख्य चौक से गंगू चक बलासा खू से छपाकी पानसर से करोल कृष्णा कूंथल से खनक

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 12:25 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 06:20 AM (IST)
ग्रामीण सड़कों की हालत जर्जर, पैदल चलना दूभर

संवाद सहयोगी, हीरानगर: उपमंडल की मुख्य सड़कों का बीआरओ ने विस्तारीकरण तो करवा दिया है, लेकिन पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत विभिन्न गांवों की टूटी सड़कों की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा। आलम यह है कि चकडा मुख्य चौक से गंगू चक, बलासा खू से छपाकी, पानसर से करोल कृष्णा, कूंथल से खनक लडवाल आदि सभी सड़कें इस समय जर्जर हालत में हैं जो वाहन चलाने के काविल नहीं रही और क्षेत्र के लोगों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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क्षेत्र के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार सड़कों पर तारकोल बिछाने की मांग कर चुके हैं, फिर भी कोई सुधार होता नहीं दिख रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि पीडब्ल्यूडी मरम्मत के नाम पर कभी कभार पैच आदि भरवा देता है जो कुछ दिनों के अंदर ही उखड़ जाते हैं। सड़कों पर दोबारा तारकोल बिछाने की जरूरत है। कोट्स---

क्षेत्र की तमाम सड़कें टूट चुकी हैं, जिन पर कई सालों से दोबारा तारकोल नहीं बिछाई गई। हर साल मरम्मत के नाम पर संबंधित विभाग गड्ढे भरवा देता है जो वाहनो के चलने से उखड़ जाते हैं। सरकार को सभी सड़कों पर सीटी टाउन स्कीम के तहत तारकोल बिछाने हेतु फंड मंजूर करना चाहिए।

-अश्विनी शर्मा, कूंथल। कोट्स--

पानसर से करोल तक दस किलोमीटर सड़क टूट कर नाले का रूप धारण कर चुकी है। इस सड़क के साथ पंद्रह के करीब गांव लगते हैं, जिन्हें आने जाने में परेशानी होती है। विभाग ने सड़क पर दस सालों से तारकोल नहीं बिछाई। अगर सरकार ने बरसात से पहले इस का विस्तारीकरण नहीं किया तो उस के बाद वाहनो की आवाजाही बंद हो सकती है।

- शाम लाल, छन्नटांडा निवासी। कोट्स--

बलासा खू, छपाकी चार किलोमीटर सड़क नाला बन चुकी है। पिछले साल पीडब्ल्यूडी ने एक किलोमीटर सड़क पर तारकोल बिछाई थी वह भी उखड़ चुकी है। सड़क की खस्ता हालत की वजह से इस पर मिनी बस सेवा शुरू नहीं हो रही है। पुरानी सड़कों के निर्माण के लिए फंड नहीं है तो ग्रेफ के सुपुर्द कर दे।

- भूषण शर्मा, गदयाल निवासी। कोट्स--

चकडा से गंगूचक तक दो किलोमीटर सड़क की हालत जर्जर बनी हुई है। बारिश पड़ने पर हायर सेकेंडरी स्कूल के पास गढ्डो में पानी भर जाने से बच्चों को पानी के बीच से गुजरना पड़ता है। अभी भी गढ्डे पानी से भरे हुए हैं, लोगों को आने जाने में काफी परेशानी हो रही। विभाग के पास तारकोल बिछाने के लिए पर्याप्त फंड नहीं तो कंक्रीट बिछा कर मरम्मत करवानी चाहिए।

- शुभकरण शर्मा, पंच गंगूचक। कोट्स---बाक्स---

पानसर करोल कृष्णा सड़क के विस्तारीकरण के लिए दो बार आरएफ में प्रपोजल भेजा गया था, जिसकी मंजूरी नहीं मिली। सपलमा सड़क के लिए पैच भरने के लिए दो लाख रुपये आए हैं, जबकि लोग पूरी सड़क पर तारकोल बिछाने की मांग कर रहे हैं। गदयाल छपाकी एक किलोमीटर पर तारकोल बिछाई गई थी तीन किलोमीटर सड़क अभी प्लान में नहीं रखी गई है। पुरानी सड़कों पर दोबारा तारकोल बिछाने की जरूरत है जिसके लिए काफी फंड की जरूरत है।

- के के अत्री, एईई, पीडब्ल्यूडी सब डिवीजन, हीरानगर।


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