एक लाख की आबादी वाले शहर का ड्रेनेज नहीं दमदार
जिला मुख्यालय स्थित एक लाख की आबादी वाले कठुआ शहर में ड्रेनेज सिस्टम दमदार नहीं है। दो दशक से जिस तेजी से शहर का व्यवसायिक और आबादी के हिसाब से विकास हुआ है उस हिसाब से ड्रेनेज नहीं के बराबर हैं।
राकेश शर्मा, कठुआ
जिला मुख्यालय स्थित एक लाख की आबादी वाले कठुआ शहर में ड्रेनेज सिस्टम दमदार नहीं है। दो दशक से जिस तेजी से शहर का व्यवसायिक और आबादी के हिसाब से विकास हुआ है, उस हिसाब से ड्रेनेज नहीं के बराबर हैं। अभी शहर में 50 फीसद ही ड्रेनेज है, वह भी दमदार नहीं। हालाकि अब तक करोड़ों रुपये ड्रेनेज के निर्माण पर खर्च किए जा चुके हैं और अभी भी किए जा रहे हैं, लेकिन कई स्थानों पर आज भी बिना योजना के ही ड्रेनेज बनाई गई है, जिसका आगे जाकर कोई निकास नहीं है।
सबसे अहम कठुआ शहर एक ऐसे स्थान पर बसा है, जिसमें ड्रेनेज का निकास नीचे की ओर है और वहा पर रुकावट होने की संभावना नहीं है। लेकिन बिना योजना के बनाई गई ड्रेनेज दम तोड़ रही है। निकासी बंदहोने से आए दिन शहर में कई स्थानों पर बिन बारिश के ही गलिया पानी से तर रहती हैं और वहां कई दिन तक सड़ाध मारता रहता है। यही कारण है कि कठुआ शहर में हर साल डेंगू का कहर बरपाता है।
मौजूदा समय में कठुआ शहर 21 वार्डो में बाटा गया है। पाच साल पहले शहर में 17 वार्ड थे। उससे पहले तीन दशक तक 13 वार्ड ही रहे। हद तो यह है कि जब शहर में 13 वार्ड ही थे, तब भी 70 फीसद ड्रेनेज सिस्टम नहीं के बराबर था। कई स्थानों पर तो साल भर ड्रेनेज के अभाव में पानी जमा रहता है।
-------- शहर के बीच बहने वाली खड्ड संभाल रही है आधा ड्रेनेज का भार शहर के बीच बहने वाली बरसाती खड्ड नगर परिषद की ड्रेनेज व्यवस्था का आधा भार संभाल रही है। अधिकाश लोगों ने अपने घरों से निकलने वाली नालियों को इस खड्ड में जोड़ा हुआ है। कैप्टन सुनील चौधरी चौक से लेकर ड्रीमलैंड पार्क के एक दिशा में घरों एवं संस्थानों का सारा व्यर्थ पानी खड्ड में बह जाता है। इसके अलावा वार्ड 7 के सैकड़ों घरों एवं दुकानों का भी बिना ड्रेनेज के निकास खड्ड में जाता है।
------------------------ शहर के इन हिस्सों में नहीं है अभी तक ड्रेनेज सबसे घनी आबादी वाले शिवानगर, पटेल नगर, कबीर नगर, प्रताप नगर, बरमोरा, वार्ड का निचला हिस्सा, वार्ड 2 का निचला हिस्सा, शास्त्री नगर एवं तारानगर में अभी तक 20 फीसद ही ड्रेनेज सिस्टम है। वह भी दमदार नहीं है, क्योंकि उसका भी निकास कहीं नहीं होने से गाद जमने के कारण बंद हो जाता है। पटेल नगर के ऊपरी हिस्से की बात करें तो वहा पर हाईवे का सारा पानी घरों में हर बरसात में घुसता है। पटेल नगर के लोग कई सालों से ड्रेनेज के अभाव में बरसात में नुकसान उठाते हैं। ऐसा ही शिवानगर का अप्पर क्षेत्र हाइवे से जुड़ा है, पूरी तरह से बिना ड्रेनेज हैं।
------------------------ शहर में जहा-जहा भी ड्रेनेज व्यवस्था अभी नहीं है, वहा ड्रेनेज बनाई जा रही है। कुछ साल में बिना योजना के ड्रेनेज बनाई गई। लेकिन उसे भी मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सार्थक प्रयास के कारण ही इस साल कठुआ स्वच्छता सर्वेक्षण में 86वें स्थान पर आया है। अब शहर में आने वाले अगले कुछ साल में ड्रेनेज सिस्टम दमदार होगा। शहर में सीवरेज के लिए 272 करोड़ की योजना की डीपीआर को मंजूरी मिल चुकी है।
नरेश शर्मा, प्रधान, नगर परिषद कठुआ