33 केवी लाइन आई भूस्खलन की चपेट में, बिजली गुल
संवाद सहयोगी बसोहली/बनी पिछले एक सप्ताह से आहिस्ता आहिस्ता हो रहे भूस्खलन की चपेट मे
संवाद सहयोगी, बसोहली/बनी: पिछले एक सप्ताह से आहिस्ता आहिस्ता हो रहे भूस्खलन की चपेट में आखिरकार 33 केवी लाइन आ ही गई। पिछले कई सालों से शीतलनगर के समीप इस जगह पर भूस्खलन होता आ रहा था, मगर 33 केवी लाइन के दूर होने के कारण इसे कोई नुकसान नहीं हुआ।
शुक्रवार सुबह लोगों ने देखा कि इस लाइन के समीप एक रेखा बन गई है, जिससे जमीन के धंसने की आशंका बनी हुई है तो उन्होंने एसटीडी विभाग से संपर्क किया और टीम ने शुक्रवार को देर शाम को बिजली को एहतियातन बंद कर दिया, जिससे बनी तहसील और शीतलनगर के पूरे ब्लाक में अंधेरा पसर गया। शनिवार सुबह पांच बजे के करीब यह जमीन धंस गई और इसकी चपेट में 33 केवी लाइन के खंभे आ गये। सुबह एक बार फिर से एसटीडी विभाग को सूचित किया गया, मगर देर शाम तक बिजली के खंभे उपलब्ध न होने के कारण कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया जा सका। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक दो दिन और बनी एवं शीतलनगर को अंधेरे में रहना पड़ेगा।
उधर, बीते दो दिनों से उपमंडल में बिजली सप्लाई न होने के कारण अंधेरा छाया हुआ है।
बीते कल शुक्रवार को 3 बजे गुल हुई बिजली दूसरे दिन यानी शनिवार को भी बहाल नहीं हो पाई, जिससे लोगों में काफी रोष दिख रहा है। बिजली से चलने वाले उपकरण दूसरे दिन भी पूरी तरह से बंद रहे दूर-दूर से आए गाव के लोग, जिन्हें नेट कैफ की दुकान या अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करवाना था, वापस बिजली बंद होने के कारण घर लौटने को मजबूर हो गए। स्थानीय निवासी मुकेश शर्मा, हंसराज, प्रवीण सिंह, शक्ति कुमार, विशाल चंद ने बिजली विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि आए दिन बिजली की समस्या से बनी के लोग बुरी तरह से तंग है और विभाग को इसके लिए कोई स्थाई रास्ता ढूंढना चाहिए, ताकि लोगों को परेशानी ना हो। लोगों का कहना है कि न कोई बारिश और न कोई बर्फबारी, मौसम साफ होने के बावजूद 2 दिनों से क्षेत्र में अंधेरा पसरा हुआ है। बिजली विभाग के जेई एमएन शेख का कहना है कि शीतल नगर के निकट भूस्खलन होने के कारण ट्रासमिशन लाइन में खराबी आ गई है, जिसे ठीक करने के लिए कर्मचारी लगे हुए हैं।