Jammu and Kashmir News: होल्डिंग सेंटर परिसर में रोहिंग्याओं ने तीसरी बार प्रदर्शन कर की अपनी रिहाई की मांग
Jammu and Kashmir News कठुआ के हीरानगर स्थित होल्डिंग सेंटर में रोहिंग्याओं ने तीसरी बार प्रदर्शन कर अपनी रिहाई की मांग की है। प्रदर्शन कर रहे रोहिंग्या उन्हें यहां से रिहा करने की मांग कर रहे हैं। वो फिर उन्हें वापस जम्मू भेजने की मुख्य मांग कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कठुआ: हीरानगर स्थित होल्डिंग सेंटर में पिछले 2 साल से होल्ड किए गए रोहिंग्याओं ने अब अपनी रिहाई के लिए लगातार प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। बीते 15 दिन में होल्डिंग सेंटर के भीतर ही रोहिंग्याओं ने अपनी रिहाई के लिए तीन बार प्रदर्शन किया है। जिससे महा पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गई है। बीते वीरवार शाम को भी होल्डिंग सेंटर परिसर में रोहिंग्याओं ने प्रदर्शन कर अपनी रिहाई की मांग की।
पुलिसकर्मियों के लिए उन्हें शांत करना हो रहा मुश्किल
प्रदर्शन कर रहे रोहिंग्या उन्हें यहां से रिहा करने की मांग कर रहे हैं। वो फिर उन्हें वापस जम्मू भेजने की मुख्य मांग कर रहे हैं। उनका कहना है उनके कई परिजन जैसे जम्मू में है और कुछ यहां जेल में बंद हैं जिसके चलते उन्हें यहां मिलने के लिए भी बार-बार आने पर परेशानी होती है दूसरा जहां उन्हें होल्ड किए जाने का कोई अब तुक नहीं है सरकार या तो उन्हें यहां से वापस भेजें या फिर जम्मू में ,प्रदर्शन के दौरान होल्डिंग में सेंटर में तैनात पुलिसकर्मी के लिए उन्हें शांत करना मुश्किल हो रहा है।
हीरानगर जेल को बनाया गया था होल्डिंग सेंटर
गौर है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने जम्मू में कई सालों से अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा के लिए बन रहे खतरे को देखते हुए वापस म्यांमार भेजने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सबसे पहले कदम उठाते हुए हीरानगर जेल को होल्डिंग सेंटर बनाया था। जिसमें उस समय 297 रोहिग्याओं को वापस उनके देश में भेजने के लिए जम्मू से पहले बैच को यहां लाकर होल्ड किया गया था लेकिन उसके बाद प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई।
हजारों लोग अभी भी जम्मू में पहले की तरह कालोनियों में रह रहे
पहला बैच ही अभी तक वहां हीरानगर होल्ड सेंटर में होल्ड किया गया है जबकि उनके हजारों लोग अभी भी जम्मू में पहले की तरह कालोनियों में रह रहे हैं। हीरानगर होल्डिंग सेंटर में होल्ड किए गए रोहिग्याओं में कुछ पुरुष महिलाएं और बच्चे भी शामिल है। इसी बीच 2 साल के बीच करीब एक दर्जन महिलाओं ने यह बच्चों को भी जन्म दिया है। सूत्रों का मानना है कि बार बार अब जहां प्रदर्शन करने के पीछे वो यहां पर मानव अधिकार आयोग का ध्यान आकर्षित रहे हैं ताकि उनकी जल्द रिहाई हो